हिंदुस्तान के सबसे बड़े सूबे की शिक्षा व्यवस्था पर आया है एक बड़ा फ़ैसला। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक
Category: चौपाल
‘काली नज़रों’ से घर नहीं जलते, बकरी नहीं मरती…
सत्येंद्र कुमार यादव की रिपोर्ट छोटी-छोटी बातों पर महिलाओं को टोनहिन, डायन, नज़र की ख़राब कहना, कई इलाकों में एक
द ट्रुथ… द ओनली ट्रुथ… बट द कलर इज़ ‘ब्लैक’
-संजय श्रीवास्तव के फेसबुक वॉल से मैं डायन प्रथा के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। पिछले दिनों जब
‘डायन’ बता कर मत करना ‘मर्डर’
-पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मैंने फेसबुक पर कई मित्रों के शुभकामना संदेश देखे।
वो पूछेंगे ज़रूर-बता तेरा हुनर क्या है?
-सत्येंद्र कुमार की रिपोर्ट देश में हर साल एक करोड़ से ज्यादा नौजवान रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन
‘चंद्रकांता’ के देश में एक किस्सा चकिया का भी है जी!
कुमार सर्वेश की रिपोर्ट चकिया…छोटी सी चकिया…यानी पत्थर का छोटा सा गोल–मटोल चक्के जैसा टुकड़ा…यहां रहने वाले लोगों का जीवन
कखन हरब दुख मोर है ‘कमला मैया’
मधुबनी से रूपेश कुमार की रिपोर्ट मधुबनी जिले के बिस्फी को कवि कोकिला विद्यापति की जन्मस्थली होने का गौरव प्राप्त
न पटवारी, न अधिकारी… हम बदलेंगे गांव
हम अक्सर गांव की समस्याओं के लिए शासन, पंचायत या फिर सरपंच को दोषी ठहराते रहते हैं। कभी कहते हैं
दो पैसे, बुढापे के लिए बचा लो भाई!
गरीबों और शोषित वर्गों के लोगों का बुढ़ापा सुरक्षित करने के लिए भारत सरकार ने 2014-15 के बजट में बीमा
रिश्वत दिया होता तो IAS ना बन पाता- रवि यादव
टीम बदलाव ईमानदारी जिसकी आत्मा है और सच्चाई जिसकी ताकत । हम बात कर रहे हैं देश के नौनिहाल IAS