चंदन शर्मा आदरणीय मोदी जी, ट्वीटर पर सॉरी बोल देने से सब कुछ खत्म नहीं हो जाता। चंडीगढ़ में जो
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टेलीविजन की तरह उन्माद नहीं फैलातीं पुस्तकें
संजीव कुमार सिंह दिल्ली पुस्तक मेले से खट्टा मीठा अनुभव लेकर लौटा। खट्टा इसलिए कि इस बार पुस्तक मेले का
रेगिस्तान की रेत से उम्मीदों की बूंद निचोड़ते हैं, मेरे गुरुवर
सुमित शर्मा गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पांव/बलिहारी गुरु आपनौ, गोविंद दियो बताय। आज गोविंद का दिन भी है
सरकारी स्कूल- केवल ढोल पीटने से ढोल फट जाएगा
मृदिक व्रतेश सरकारी और गैर-सरकारी, दो स्कूली दरबार। यहां व्यवस्था-अव्यस्था एवं सुविधा-असुविधा के अंतर का विभाजक बीज बोकर एक अद्भुत
ज़मीन अधिग्रहण अध्यादेश को अलविदा
सत्येंद्र कुमार फिर नहीं आएगा भूमि अधिग्रहण अध्यादेश। ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को चौथी
स्कूलों में न हो सूट-बूट का हव्वा- जनकवि गिर्दा
पुरुषोत्तम असनोड़ा इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद बहस चल रही है कि सबको सामान शिक्षा मिले। नेता, अधिकारी, कर्मचारी
किस कोठरी में बंद है कोठारी आयोग की रिपोर्ट?
एपी यादव की रिपोर्ट देश में दिन दिनों समान शिक्षा की बहस चल रही है । अमीर-गरीब सभी के बच्चे
स्कूल में समाजवाद… अइयो ज़रा-ज़रा हौले-हौले
राधे कृष्ण समान शिक्षा को लेकर देश की आज़ादी के बाद से ही मांग उठती रही है। सरकारें- वो केंद्र
गुरु कहे- ‘घंटालों’ से निपटें, तब तो बात बने
शरत कुमार इलाहाबाद हाई कोर्ट का सरकारी स्कूलों की दशा पर आया निर्णय ऐतिहासिक है। सरकारी स्कूलों की दुर्दशा का कारण नीति
‘सरकारी’ माने ‘चलताऊ’… ये सोच बदले तो कैसे?
निशांत यादव ‘सरकारी’ शब्द समाज में इस प्रकार उच्चारित किया जाने लगा है मानो जुगाड़ से चल रही कोई ‘चलताऊ’