छत्तीसगढ़ – सरकारी मयखाने तो खुलेंगे, पर मत पीना दो जाम

शिरीष खरे बिहार में शराबबंदी के बाद देश के दूसरे राज्यों में शराबबंदी की मांग जोर पकड़ती जा रही है

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गुसलखाने की चीखें गगन तक पीछा करेंगी ‘पापा’

धीरेंद्र पुंडीर “हर बार जब भी मेरा बेटा अपनी मां के लिए रोता है, मैं सहन नहीं कर पाता हूं। और मैं उसके बिना अकेला महसूस करता हूं।

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मशरूम की खेती से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ‘मनोरम’ गाथा

ब्रह्मानंद ठाकुर महाकवि निराला  के  ‘कुकुरमुत्ता ‘ने आभिजात्य गुलाब को जब हरामी खानदानी  कहकर  ललकारते हुए कहा, ‘देख मुझको, मैं

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उनकी ‘सज्जनता’ की परतों में छिपे हैं स्त्री के कई ज़ख़्म

वर्षा निगम पिछले दिनों मेरी मुलाकात एक सज्जन से हुई। सज्जन, इतने सज्जन की क्या कहूं। मुझे लगता है कि

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कन्हैया से गुरमेहर तक ट्रैप में क्यों फंसा मीडिया?

पुष्यमित्र अपने देश में राजनीति ने काम करने का बड़ा दिलचस्प तरीका अख्तियार कर लिया है, दुर्भाग्य यह है कि

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असली हत्यारे तो मुरगों के पैरों में ब्लेड बांध कर लड़ाने वाले हैं

पुष्यमित्र गुरमेहर कौर शायद यही नाम है। मेरे फेवरिट बैट्समैन वीरेंद्र सहवाग की वजह से आज यह नाम हर किसी

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