प्रभात खबर के पत्रकार पुष्यमित्र को नॉदर्न और इस्टर्न रीजन का ‘लाडली मीडिया अवार्ड’ मिला है। उन्हें जिस स्टोरी पर
Category: मेरा गांव, मेरा देश
विनम्रता तो कोई आजतक वाले सईद भाई से सीखे
विकास मिश्रा (अपने साथियों के बारे में लिखने का अपना ही रिस्क होता है, बावजूद इसके बातें हों तो अच्छा
विकास की अंधी दौड़ में बिगड़ रहा गांव का ताना-बाना
ब्रह्मानंद ठाकुर हमारा गांव अब पूरी तरह से वैश्विक बाजार के हवाले हो गया है। खाने-खाने-पीने की चीजों से लेकर
कितना आसान है…
नूतन डिमरी गैरोला दूसरों के चेहरों की मुस्कानों से उल्लसित हो जाना तृप्त हो जाना मुस्कानों के सिलसिलों का खुद
ये डर ग़लत साबित कर पाएंगे योगीजी?
प्रिय आदित्यनाथ योगी जी , मेरा नाम विनोद कापड़ी है। अच्छा लगता है, इसलिए थोड़ी बहुत पत्रकारिता करता हूँ और
पार्टनर; तुम्हारा कंपार्टमेंट क्या है!
राकेश कायस्थ फेसबुक का अपना अनुभव शेयर कर रहा हूं। मुमकिन है, आपका अनुभव मुझसे कुछ अलग रहा हो।फेसबुक पर
ऐसे साक्षात्कारों से ‘मुस्कान’ चुराता था कामता
पिछले कई घंटों से सोशल मीडिया पर कामता सिंह के निधन की सूचना के बाद पत्रकार साथियों के गमजदा संदेश
“सरजी एक आइडिया है” वाला कामता चला गया
संजय बिष्ट के फेसबुक वॉल से दुनिया किसी के न रहने के बाद भी चलेगी… वक्त दौड़ेगा वैसे ही आंसूओं को
मालिक! हमारी ‘गुरमेहरों’ को बक्श दीजिए
मृदुला शुक्ला जरा पलटिये माइथोलोजी से लेकर इतिहास की पोथियाँ, स्त्रियां कब रही हैं युद्ध के समर्थन में ? ये
देश को कई ‘युद्धों’ से बचाना है!
धीरेंद्र पुंडीर कारगिल में एकाएक कही से युद्ध आ गया और उसने हिंदुस्तानी जवानों को मार गिराया। ये युद्ध कहां