इफको लाइव से साभार आज कल खेती को हर कोई घाटे का सौदा मानने लगा है। किसान खेतों में दिन
Category: मेरा गांव, मेरा देश
अच्छाई की ‘महंगी’ खेती और खुशियों की हरियाली
विकास मिश्रा 2000 की बात है, उस समय अमर उजाला मेरठ के प्रादेशिक हेड थे पंकज तिवारी जी। अपने अधीनस्थों
बिलकिस बानो प्रकरण- न्याय का मतलब प्रतिशोध नहीं होता
कविता कृष्णन बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार कांड में उच्च न्यायालय ने 11 दोषियों की उम्रक़ैद की सज़ा बरक़रार रखी। यह
फसलों का ‘समर्थन मूल्य’ किसानों के साथ ‘धोखा’
ब्रह्मानंद ठाकुर ‘यहां तक आते आते सूख जाती है नदियां, मुझे मालूम है, पानी कहां ठहरा होगा।’ दुष्यंत जी की
राजगीर-पोलिटिकल मैनेजरों के फेर में पड़े लालूजी!
पुष्यमित्र आप लालू जी की राजनीति के तौर तरीके, परिवारवाद, गुंडों को तरजीह देने की नीति और भ्रष्टाचार को सदाचार
इंटरनेट की दुनिया- ‘कुंदन’ घिसता गया, चमक बढ़ती गई
कुंदन शशिराज एक ऐसे युवा के तौर पर अपने साथियों के बीच जाने जाते हैं, जो अपने जुनून के लिए
सूबे में 15 साल, केंद्र में 3 साल… अब ‘सुकमा अटैक’ क्यों?
अमरेंद्र गौरव ”सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी पर हमें गर्व है और उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी”। सुकमा में बड़े नक्सली अटैक
कृष्ण से सम्मोहन वाला सितारा अब गगन में चमकेगा!
देवांशु झा ऐसा सितारा कभी-कभार चमकता है, जिसमें किसी हॉलीवुड हंक सी अदा हो, किसी आदर्श पौराणिक भारतीय चरित्र जैसा सुघड़
जीवन के संघर्षों से जिसने सीखा समाजवाद का पाठ
ब्रह्मानंद ठाकुर आम, कटहल,नींबू और अमरुद की घनी छांव तले एक छोटा सा घर । जिसका नाम है चमेला कुटीर
ठूंठ समय
अखिलेश्वर पांडेय यह समय एक ठूंठ समय है एक झूठ समय है एक ढीठ समय है जिसके पास सत्ता है