बिहार, जो मगध साम्राज्य के रूप में एक जमाने में लगभग 650 साल तक देश की राजनीति का केंद्र रहा
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पूरे शंख और पुष्प की आभा से कवि केदारनाथ को प्रणाम
यतीन्द्र मिश्र एक शानदार कविता ने जैसे अपना शिखर पा लिया हो। कथ्य की आभा से छिटककर तारे की द्युति सी
विद्रोह समाप्त, अब विद्रोह का माफी-राग!
धीरेंद्र पुंडीर एक के बाद एक माफी का सिलसिला चल निकला। याद है कि इस शख्स ने मुख्यमंत्री पद की
अन्नदाता की उन्नति के लिए ‘फसल सलाह’
अरुण यादव पिछले हफ्ते राजधानी दिल्ली के पूषा कृषि अनुसंसाधन संस्थान में कृषि उन्नति मेला आयोजित हुआ । 16 से
प्रभात गांगुली ने क्यों छोड़ा ग्वालियर, ये किस्सा फिर कभी
अनिल तिवारी बीआईसी के मुख्य नाट्य निर्देशक थे सत्य पाल सोलंकी और श्री के सी वर्मा। सोलंकीजी एक नाट्य संस्था
इस जीत का चेहरा कौन, गठबंधन का मोहरा कौन?
रविकिशोर श्रीवास्तव राजनीति में दुश्मन कब दोस्त बन जाएं, अपने कब बाग़ी… ये वक्त की ज़रूरत पर निर्भर है। इसकी तदबीर को यूपी में समाजवादी पार्टी और
किसानों के ‘शांति मार्च’ का पैगाम समझिए फडणवीसजी
बब्बन सिंह 12 मार्च की शाम को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों का लॉन्ग मार्च महाराष्ट्र सरकार
बुजुर्गों का अकेलापन और हमारी जिम्मेदारी
पशुपति शर्मा घर के दरवाजे पर हाथ में अखबार लिए बड़ी तल्लीनता से खबरों से बावस्ता मेरे फूफाजी। तस्वीर बुआ
अन्नदाता के इस आंदोलन को सलाम!
विकास मिश्रा महाराष्ट्र के इस किसान आंदोलन ने बहुत कुछ सिखाया है। पहला तो ये कि हक़ के लिए आंदोलन
असली किसान कौन ?
जब जब किसान अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरता है तब किसान विरोधी सोच वाले तमाम फेसबुकिया ब्रिगेड झूठ