प्रतिभा ज्योति ‘एक दिन का मेहमान’ जैसे ही घर आता है, तनाव पसर जाता है. घर की बच्ची चुपचाप है
Category: मेरा गांव, मेरा देश
ग़ाज़ियाबाद में आज ‘एक दिन के मेहमान’ का मंचन
गाजियाबाद के इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में आज दिनांक 17 जून दिन रविवार की शाम 7 बजे एक दिन का
काबिल नहीं कठपुतली अफसर चाहिए क्या साहब ?
पुष्य मित्र मोदी सरकार प्रशासनिक सेवा में कॉरपोरेट जगत के अनुभवी लोगों को जगह देने की तैयारी में जुटी है
शुक्र है इंसानियत आज भी जिंदा है
अर्वित राज दिल्ली-NCR की भागदौड़ भरी जिंदगी कितनी तनाव पूर्ण होती है ये बात किसी से छिपी नहीं है। ना
कमजोर दिल वाले न देखें.. तस्वीरें विचलित करती हैं!
ये तस्वीरें बिहार के नालंदा जिले के नूर सराय की हैं। कल (10 जून 2018) जब वहां के सब्जी किसानों
अतिवादों के दौर का जनक है पूजीवादी अर्थतंत्र-ब्रह्मानंद ठाकुर
ब्रह्मानंद ठाकुर विनय तरुण स्मृति व्याख्यान 2018 का विषय है- अतिवादों के दौर में पत्रकारिता और गांधीवाद। मैं यह स्पष्ट कर
अतिवादों के दौर में पत्रकारिता और गांधीवाद
मोनिका अग्रवाल जब हम किसी से पूछे कि वर्तमान में हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता का काल कैसा है ? शायद
दरमा घाटी में जीवन की संघर्ष गाथा
अशोक पांडे के फेसबुक वाल से दरमा घाटी के वाशिंदों का जीवन बेहद संघर्ष भरा होता है । जिस तरह
हमारे दिलों का कोना-कोना नाप चुके हैं सागर बाबा
सुबोध कांत सिंह बात तक की है जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ता था। स्कूल में गर्मी की छुट्टी पड़ी