अनीश कुमार सिंह मैं बिहार के छपरा की बेटी हूं। मेरा दम घुट रहा है। एक-एक सांस मुझ पर भारी
Category: मेरा गांव, मेरा देश
वीरेन नंदा के किस्से पार्ट-3
वीरेन नंदा किस्सागोई के पिछले अंक में आपने पढ़ा कि कैसे दो दोस्त, जो साहित्यकार भी हैं, घर से रिक्शे
पटना में 8 जुलाई को माहवारी पर बातें कीजिए खुलकर
पुष्यमित्र बिहार डॉयलॉग का तीसरा सत्र फाइनल हो गया है। विषय है, माहवारी, पीरियड्स, मासिक धर्म। मुद्दा है, इस मसले
जीवन में जल का ‘समर शेष’
विक्रांत बंसल आज हम भारत के किसी भी कोने में क्यों न रह रहे हों पानी की समस्या मुंह बाएं
घोंचू उवाच- जैसी बहे बयार ,पीठ तब तैसी दीजिए
ब्रह्मानंद ठाकुर घोंचू भाई खेती – पथारी का काम निबटा कर शाम होते ही मनकचोटन भाई के दरबाजे पर जुम
कबीर की परंपरा के कवि नागार्जुन
ब्रह्मानंद ठाकुर अक्खड़पन और खड़ी-खड़ी कहने की परम्परा में बाबा नागार्जुन कबीर के काफी करीब पड़ते हैं। किसी को बुरा
हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना… रे कबीरा, न बदला जमाना
श्वेता जया पांडे अगर आप कबीर को एक महान शख्सियत बताते हैं और उनकी महान ज़िंदगी से कुछ सीखने की
अतिवादों के दौर में गांधी की चर्चा और विनय का स्मरण
अखिलेश्वर पांडेय 24 जून 2018 को कोलकाता स्थित भारतीय भाषा परिषद के सभागार में विनय तरुण स्मृति समारोह-2018 का आयोजन
हैरी पॉटर से कहीं ज्यादा पॉपुलर रहा खत्री का उपन्यास चंद्रकांता
वीरेन नंदा बात 1963 की है, तब मैं नौ साल का था और एक फ़िल्म मुजफ्फरपुर के चित्रा टॉकीज में
वरिष्ठ पत्रकार पद्मपति शर्मा ने किया देहदान का ऐलान
पद्मपति शर्मा के फेसबुक वॉल से हो गयी देह दान की औपचारिकता पूरी। गत शुक्रवार, 15 जून को शपथ पत्र