ब्रह्मानंद ठाकुर मनकचोटन भाई के दलान पर आज की बतकही का मुद्दा सरकारी किसान चौपाल का था। बात यह थी
Category: मेरा गांव, मेरा देश
किसान आंदोलन और मीडिया की माया
टीम बदलाव पिछले 6 महीने में देश का अन्नदाता तीसरी बार लोकतंत्र के मंदिर पर मत्था टेकने आ चुका है
कश्मीरियों के लिए एक ही विकल्प है-भारत, मगर दिल पर दें दस्तक
ब्रह्मानंद ठाकुर कश्मीरी मूल के हिन्दी लेखक डाक्टर निदा नवाज पिछले दिनों मुजफ्फरपुर आए। डाक्टर निदा नवाज को उनकी पुस्तक
गांव की माटी की महक
श्वेता जया के फेसबुक वॉल से साभार क्या आपने गाँव को करीब से देखा है? खपरैल के घर, फूस की
कृषि विश्वविद्यालय की ‘खेती’ और किसानों की दुर्दशा
शिरीष खरे कृषि क्षेत्र में कई शब्द प्रचलित हैं। इनमें से कई के अर्थ और उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी
सामाजिक संतुलन के लिए कितना कारगर रहा भूमि सुधार कानून
शिरीष खरे आजादी के सात दशक बाद तक भूमि की संरचना पहले की तरह ही असमान है। आज भी साठ
पूंजीवाद और सामंतवाद की चक्की में पिसता किसान आंदोलन
शिरीष खरे आजकल देश में किसानों का बड़ा आंदोलन खड़ा करने की कोशिश चल रही है । जिसमें देशभर से
‘सिसकियां लेता स्वर्ग’ के लिए निदा नवाज को मिला सम्मान
ब्रह्मानंद ठाकुर कश्मीर घाटी आज आतंकवाद की मार झेल रही है । एक तरफ आतंकवाद और दूसरी तरफ सियासी चालबाजी
अगिला बार ढेर दिन खातिर अईह
अखिलेश्वर पांडेय कम पानी वाले पोखर की मछलियां दुबरा गयीं हैं ऊसर पड़े खेतों की मेढ़ें रो रही हैं बेरोजगार
विकास में पिछड़ते गांव और बढ़ता आर्थिक असंतुलन
शिरीष खरे विशेष तौर पर सत्तर के दशक में गांवों के लिए कई परियोजनाएं और कार्यक्रम चलाए गए। इसके पीछे