उर्मिलेश जी के फेसबुक वॉल से साभार/न्याय के लिए अगर 34 साल का लंबा इंतजार करना हो तो उस न्याय
Category: मेरा गांव, मेरा देश
कश्मीर पर सवालों से ‘मुठभेड़’ और एक नजरिया
ब्रह्मानंद ठाकुर ‘सिसकियां लेता स्वर्ग ‘ पुस्तक के कश्मीरी मूल के हिन्दी लेखक डॉक्टर निदा नवाज बाबू अयोध्या प्रसाद खत्री
राफेल की रार और सियासी चाल
राकेश कायस्थ राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की यह पहली प्रतिक्रिया है। आरोप लगाने
राम नाम की ‘सियासी माया’ और आस्था की जमीनी हकीकत
निखिल दुबे के फेसबुक वॉल से साभार समाज और सियासत की NO PARKING में खड़े कर दिए गए हैं भगवान।
खर्राटामय ‘संगीत’ और प्रयागराज का यादगार सफर
शरद अवस्थी के फेसबुक वॉल से साभार रातके लगभग 12 बजने को आए, प्रयागराज एक्सप्रेस केबी1 कोचकी मिडिल बर्थ पर
किसानी छोड़ मजदूर बनने को मजबूर अन्नदाता
ब्रह्मानंद ठाकुर लाईन जब कट गया तब बदरुआ, फुलकेसरा और बटेसर अप्पन-अप्पन टिन हीं छिपा खेत के आडी पर रख
‘जयश्री राम’ ना हो जाए जेएनयू की गरिमा
प्रेमकुमार मणि के फेसबुक वॉल से साभार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में 5 दिसम्बर को सुबह 9 बजे आरएसएस संरक्षित
खुशहाली के ख्वाब और ‘रेगिस्तान’!
दयाशंकर जी के फेसबुक वॉल से साभार ‘डियर जिंदगी’ को देशभर से पाठकों का स्नेह मिल रहा है. हमें हर
मेरा बचपन और मेरा गांव
ब्रह्मानंद ठाकुर होश संभालते ही देखा शीशम के खम्भे पर टिका फूस का घर । बाहर से टाटी से घिरे
जब देश के पहले राष्ट्रपति को झेलना पड़ा दहेज प्रथा का दंश
ब्रह्मानंद ठाकुर बात आज से 102 साल पहले की है। राजेन्द्र बाबू 1916 में कलकत्ता ( अब कोलकाता ) से वकालत