सीमा मधुरिमा के फेसबुक वॉल से साभार पिछली बार संस्कृतियों के परिवर्तन की बात करते समय आपको प्री वेडिंग शूट
Category: मेरा गांव, मेरा देश
गणतंत्र बड़ा हुआ, लेकिन हमारी सोच छोटी
ब्रह्मानंद ठाकुर आजादी के 5 साल बाद और भारत को गणतंत्र घोषित होने के दो साल बाद 1952 में मेरा
जब मैंने पहली बार कर्पूरी ठाकुर को देखा और सुना
ब्रह्मानंद ठाकुर साल तो ठीक याद नहीं, शायद 1964-65 रहा होगा। मैं अपने गांव के बेसिक स्कूल में छठी कक्षा
सिर्फ नेता नहीं, कांग्रेस को नीति भी बदलनी होगी
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने का तात्कालिक तौर पर पूर्वी
‘आज देश में पूंजीवाद विरोधी समाजवादी क्रांति की ज़रूरत है’
ब्रह्मानंद ठाकुर ‘मां, आपके मतानुसार हमारी शिक्षा का उद्देश्य क्या है ? बड़े हो जाने पर हमें किस काम में
देश की सेहत सुधारने के लिए एक डॉक्टर का अनशन
अरुण यादव फेसबुक पर सर्च करते वक्त अचानक एक तस्वीर पर नजर टिक गई । जिसमें एक शख्स हाथ में
नदी का किनारा और सुबह का सौंदर्य
पुरु शर्मा सुबह घूमना मुझे हमेशा से ही सुहाता रहा है। प्रकाश के आभाव में जब अंधकार का साम्राज्य बढ़ता
राष्ट्रीय परिदृश्य पर हावी संकीर्ण और जनविरोधी सोच
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश के फेसबुक वॉल से साभार किसी की बीमारी पर कटाक्ष नहीं होना चाहिए। किसी को भी बद्दुआ
दलित आंदोलन का नीला ‘आकाश’
बसपा प्रमुख मायावती ने जब इस बात की पुष्टि कर ही दी है कि उनका भतीजा आकाश आनंद अब पार्टी
सिर्फ कानून नहीं सोच में भी बदलाव लाने की ज़रूरत
शिरीष खरे तीन तलाक विधेयक पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का पक्ष बहुत स्पष्ट है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी इंद्रेश