ब्रह्मानंद ठाकुर लोकतंत्र में जनता के प्रतिनिधियों के राजसी ठाठ-बाट की चर्चा अक्सर सुनी जाती रही है। ऐसे परिवारों में
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सामंतवाद के गर्भ से पैदा ‘पूंजीवादी लोकतंत्र’ का जमाना है भाई!
ब्रह्मानंद ठाकुर पिछले दिन अखबार में एक खबर पढ़ने को मिली । खबर थी बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव
…तो बच सकती थी 40 जवानों की जान !
पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभार पुलवामा में 40 CRPF जवानों की शहादत का बदला देश की फौज ने लेना
बेगुसराय के गांव में एक बिटिया के दुष्कर्मी क्या ‘आज़ाद’ रहेंगे!
पशुपति शर्मा मई-जून 2018 की बात है। जेएनयू के मेरे एक साथी का फोन आया। वो बेगुसराय में अपने गांव
7 मार्च को शादी थी… मेजर ने जल्द घर लौटने का किया था वादा
मेजर चित्रेश बिष्ट की 7 मार्च को शादी थी। एक युवा जिसने सपने देखने भी शुरू नहीं किये थे, आतंकवाद
घर में खुशियां आने वाली है… पिता को समझ नहीं आया बहू से क्या बताऊं ..?
वे गांव में रहते थे। साधारण किसान थे। वक़्त बदला तो अहसास हुआ कि परिवार की जिंदगी बदलनी है। शहर
आतंकी हमले पर किसने क्या कहा ?
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश “जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सी.आर.पी.एफ. के वीर जवानों की
‘सिंह’ अगर मुलायम हो जाए तो…
अपने यहां नाम की बड़ी महिमा है। कई लोगों को नाम सूट कर जाता है। जिनको नाम सूट नहीं करता
एक जिंदादिल इंसान के सपनों का ‘अक्षय’ सफर
अक्षय विनोद के फेसबुक वॉल से साभार हर किसी का एक सपना होता है, हर कोई अपने मनमुताबिक जीने की
‘लक्ष्मी’ के आगे दम तोड़ती ‘सरस्वती’
ब्रह्मनंद ठाकुर रविवार को सरस्वती पूजा थी। स्कूलों में विरानगी और चौक-चराहे पर चहल-पहल । पंडालों में सजावट में व्यस्त