कोरोना काल -7 कोरोना के क्रांतिवीरहो सके तो माफ कर देनातुमक्रांति की बात करोगेऔर हम तलाशेंगेशांति के फायदे तुमअपना करियरदांव
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अपनी उदासियों पर लगा लेना एक मास्क!
कोरोना काल- 6 अपनी उदासियोंपर लगा लेनाएक मास्क! जो तुम्हारेशुभचिंतक हैंवो कर लेंगेउदासियों का हिसाब! तीन लेयर वाले मास्कके भीतर
पत्रकार उर्मिलेश को लॉकडाउन के नए दोस्त मुबारक
अपन जैसे घुमक्कड़ के लिए इन दिनों घर की यह बालकनी सबसे प्रिय जगह है, जहां दिन भर में दसियों
अब वो नहीं देंगे थपकी…
कुछ लोग इतने अलहदा होते हैं कि उनके न होने की कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मगर ऐसे
करोगे याद तो हर बात याद आएगी
कहां तक मन को ये अंधेरे छलेंगे, उदासी भरे दिन कभी तो ढलेंगे। 29 मई की रात हरेंद्र भाई ने
कुछ अलग करने का जज्बा है तो JNU की वजह से है- अमित कुमार
जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को देखने के दो नजरिये हैं। एक नजरिया उनका है, जो इस कैंपस में रहे
मुजफ्फरपुर की पंचायत प्रमुख गीता गुप्ता बनीं ‘कोरोना वारियर्स’
मुजफ्फरपुर से सूर्यमणि कुमार की रिपोर्ट कोरोना महामारी से जंग के दौरान देश की संसद में बैठने वाले ज्यादातर जनप्रतिनिधि
पूंजीवादी युग में एक ‘फकीर’ का जिंदा होना !
वीरेन नंदा “कोरोना के इस गहराते संकट के समय कुछ नई किताब पढ़ने के लिए आलमारी टटोल रहा था तब
‘भौतिक प्रगति समाज को हिंसक बनाती है’
सचिन कुमार जैन की फेसबुक वॉल से साभार महावीर और राजनीति के महावीर में कोई जोड़ नहीं है। हम जितनी
कोरोना संकट से कैसे निपट रहे हैं राज्य ?
टीम बदलाव कोरोना संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने करीब 1.7 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया है