पुरुषोत्तम असनोड़ा उत्तर और दक्षिण में सचमुच अंतर है। न केवल जलवायु, भाषा और संस्कृति का बल्कि कार्य पद्धति का
Category: मेरा गांव, मेरा देश
बिहार के रण में मीडिया के रणबांकुरे
एपी यादव बिहार की चुनावी चासनी में हर कोई डूबा है। बस इंतजार है तो 8 नवंबर का जब इस
ग़रीबी के जाल में मछली से तड़फड़ा रहे हैं मछुआरे
पुष्यमित्र जातियों के नाम पर लड़े जा रहे इस चुनाव में निषाद जाति की बड़ी चर्चा है। दोनों बड़े गठबंधन
सूखे खलिहान, कौन लाएगा ‘हरिहर विहान’ ?
पुष्यमित्र इन दिनों पटना समेत बिहार के सभी शहरों और कस्बों में चौक-चौराहे लाल, पीले और हरे रंगे के होर्डिंग्स से
‘रावणों’ ने किया एक बेटी का ‘जिंदा-दहन’!
हरिगोविंद विश्वकर्मा वह सपने देखने वाली लड़की थी। देहात और ग़रीब परिवार की लड़की। करियर बनाने का दृढ़ संकल्प ले
सांसद से ज्यादा कड़ी शर्तें पंचायत चुनाव में क्यों ?
पवन शर्मा भारत में ग्राम पंचायतें ही लोकतंत्र की प्रथम सीढ़ी होती हैं। देश की बहुसंख्यक जनता का अपने दैनिक जीवन में ग्राम
रोती-बिलखती मां भी बददुआ नहीं देती
अश्विनी शर्मा विख्यात कवि धूमिल के गांव खेवली की पन्ना माई बिलख रहीं हैं। अपने खून से ही दया की
बिहार के तीन तिलंगे-व्हाट एन इलेक्शऩ सर जी!
शंभु झा बिहार चुनाव को लेकर काफी कुछ कहा और सुना जा रहा है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर
महंगाई का रावण हंस रहा है… हा हा हा
हां, बह रही है विकास की गंगा दालों में डबल सेंचुरी के साथ प्याज में मुनाफाखोरी के साथ सब्जियों में
रमन राज में नक्सलियों से आखिरी लड़ाई
दिवाकर मुक्तिबोध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने हाल ही में नई दिल्ली में ये कहा था कि राज्य