कीर्ति दीक्षित कहते हैं जो सभ्यता या संस्कृति वक्त के साथ खुद में बदलाव नहीं लाती वो दम तोड़ देती
Category: मेरा गांव, मेरा देश
फरक्का बांध, सिल्ट और नदियों की अविरल धारा
पुष्यमित्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरक्का बराज की वजह से गंगा नदी और बिहार को होने वाले नुकसान का मसला
चित्रकूट का रोमांच और आनंद
बरुण के सखाजी अगर आपके पास 2 या 3 दिन हैं तो आपके लिए चित्रकूट एक अच्छी लोकेशन हो सकती
शराबबंदी ने हमको हमारा गांव लौटा दिया
पुष्यमित्र बात अगस्त की एक सुबह की है। दिन के 11 बजे होंगे, मुजफ्फरपुर के मड़वन खुर्द गांव में लोगों
जन्माष्टमी मनाइए…लेकिन कृष्ण के उपदेशों को भूलिए नहीं
धीरज वशिष्ठ पूरे मानवता के इतिहास में कृष्ण अकेले ऐसे व्यक्तित्व हैं जो सभी आयामों में खिले हुएं हैं। कहीं
आस्था और अंधविश्वास के बीच दर्शन का आनंद
बरुण के सखाजी हम सपरिवार सुबह-सुबह मैहर रेलवे स्टेशन पर थे। हल्की बारिश और शारदा मंदिर की पहाड़ी कोहरे के
गोवा जो मैंने देखा
देवांशु झा होटल के अलंकरण से बाहर निकलते ही द्रुमवितान विस्तृत है। दोनों ओर पेड़ों की हरी छतरी है। और
लाडली ने रियो में रचा गान- जय सिंधु, जय हिंद
पीवी सिंधु के साथ देश की उम्मीदें जुड़ गई हैं। सोशल मीडिया पर अभी जय-जय सिंधु के बोल सुनाई दे
राखी पर एक बहना का देश को बड़ा तोहफ़ा
राखी के मौके पर देश को एक बहना ने सबसे नायाब गिफ़्ट दिया है। ये हम नहीं कह रहे, ऐसे
तेज़ाब में घुली और पिघल गई उनकी ‘आज़ादी’
पुष्यमित्र पिछले दिनों वैशाली में एक तेजाब पीड़िता की खुदकुशी की खबर ने उस अंधेरी सुरंग के दरवाजे का परदा