पुष्य मित्र के फेसबुक वॉल से साभार
इस तस्वीर में आपको भागलपुर विवि के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ योगेन्द्र, उनकी पत्नी अलका और उनके पुत्र सुकांत नजर आयेंगे। ये तीनो भागलपुर शहर की कोतवाली के पास धरने पर बैठे हैं।
वजह यह है कि ये प्रशासन से भागलपुर शहर में पार्किंग स्थल निर्धारित करें और उसकी सूचना सार्वजनिक करें। डॉ योगेन्द्र के पुत्र सुकांत से दो रोज पहले भागलपुर पुलिस ने गलत जगह कार पार्क करने का जुर्माना वसूला तो इन्होने पूछा कि शहर में कार पार्क करने के लिये प्रशासन ने कौन सी जगह तय की है। पता चला ऐसी कोई जगह नहीं। जब इन्होने जगह ही तय नहीं की है तो कोई जगह सही या गलत कैसे हो सकती है। और सबसे बड़ी बात, प्रशासन ने पार्किंग प्लेस क्यों तय नहीं किया? यह इनके सवाल हैं।
इनकी मांग है-
१. जबतक भागलपुर में पार्किंग जोन नहीं बनाते हैं, तब तक कार/ बाइक जब्त करना बंद करें।
२. नो पार्किंग का बोर्ड लगायें।
३. नागरिक के साथ सम्मान पूर्वक व्यवहार करें।
मगर कितने लोग इस तरह से सवाल पूछते हैं? समाधान के लिये धरने पर बैठते हैं?
वस्तुतः यह असल नागरिक बोध है जो पिछ्ले दो तीन दशकों में लगातार खो रहा है। डॉ योगेन्द्र इसी बोध को बचाने में जुटे हैं। अपनी शांति और अपने कीमती वक़्त को दाव पर लगाकर। सीखने योग्य। ???
पुष्यमित्र के वाल से साभार :