आगामी गांधी जयंती- 2 अक्तूबर- को हम एक नया मिशन शुरू करने जा रहे हैं। समाज के ” उपेक्षित लेकिन अपेक्षित ” वर्ग के बच्चों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने का छोटा सा प्रयास है। नाम है- बदलाव पाठशाला। प्रथम पाठशाला मुज़फ्फ़रपुर में वरिष्ठ शिक्षाधर्मी ब्रह्मानंद ठाकुर के दिशा निर्देश में शुरू होगी। ब्रह्मानंद ठाकुर के सेवा भाव से आप सब पहले से ही परिचित होंगे। उन्होंने इस नि:शुल्क विद्यालय को संचालित करने का संकल्प लिया है।
संसाधनगत साधनों को ध्यान में रखते हुए आरंभ में अधिकतम 10 बच्चों को बदलाव पाठशाला के इस कार्यक्रम में शरीक किया जा रहा है। बच्चों को दो वर्गों में बांटा जाएगा। पहले वर्ग में नर्सरी से लेकर दूसरी कक्षा तक के बच्चे होंगे और दूसरे वर्ग में तीसरी और चौथी कक्षा के। ब्रह्मानंद ठाकुर हर शाम 4 से 6 के बीच इन बच्चों को पढ़ाएंगे। पाठशाला के लिए स्थान और बुनियादी संसाधन का इंतजाम किया जा रहा है। कोशिश रहेगी कि मुज़फ्फ़रपुर से दिल्ली तक और भी लोग इस मुहिम से जुड़ें ताकि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाया लिखाया जा सके।
बच्चों के लिए आवश्यक स्लेट और किताब समेत कुछ शिक्षण सामग्री उपलब्ध करवाने का प्रयास ‘बदलाव’ की तरफ से किया जाएगा ताकि गरीब बच्चे संसाधनों के अभाव में बेसिक शिक्षा से वंचित और विमुख नहीं रह जाएं। बदलाव पाठशाला के संयोजक के तौर पर शंभु झा इस शुरुआती प्रयोग पर नज़र बनाए रखेंगे। बदलाव पाठशाला की मुजफ्फरपुर इकाई के संयोजक के तौर पर ब्रह्मानंद ठाकुर का फीडबैक हमारे लिए काफी मायने रखेगा।
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