बदलाव बाल क्लब की कार्यशाला फिलहाल गाजियाबाद के वैशाली में हर दिन शाम 7 बजे लग रही है। बच्चे हर दिन कुछ ना कुछ नया सीख रहे हैं। पटना में भी बाल क्लब की ओर से आयोजन की तैयारियां चल रही हैं । टीम बदलाव की साथी नीलू अग्रवाल ने बच्चों के लिए एक प्यारी सी कविता भेजी है।
दुनिया भर के बच्चे, बच्चों की दुनिया।
छोटे-छोटे बच्चे, कच्चे-कच्चे बच्चे।
दुबले-मोटे बच्चे, अच्छे नटखट बच्चे।
शोर मचाते बच्चे, धूल उड़ाते बच्चे।
टूटे दांतों वाले, बिखरे बालों वाले।
खिल-खिलकर खिलखिलाते, हू-हू कर रोते रुलाते।
ऐसे नटखट बच्चे।।
स्टोन पेपर सीजर, बम बिल्डिंग गन।
संजू सैमसंग ने कितने बनाए रन।
दुनिया भर के खेल, खेलों की दुनिया ।
दुनिया भर के बच्चे, बच्चों की दुनिया।
छोटी-छोटी मूंछों वाले, कील मुहासों वाले भी।
बड़े चश्मों वाले पढ़ाकू, फिल्मी गानों वाले भी।
समोसे पर शहीद होते, चाउमीन को चबाते।
गोला, कुरकुरे चिप्स ,चाट-गुपचुप खाते- खिलाते।
बड़े शरारती बच्चे, मन को भाते बच्चे
छुट्टी हुई तो दौड़ पड़ी है
कल फिर आने को मुनिया
दुनिया भर के बच्चे, बच्चों की दुनिया।
नीलू अग्रवाल। नीलू ने हिंदी साहित्य से एमए और एमफिल की पढ़ाई की है। वो पटना यूनिवर्सिटी से ‘हिंदी के स्वातंत्र्योत्तर महिला उपन्यासकारों में मैत्रेयी पुष्पा का योगदान’ विषय पर शोध कर रही हैं