नीलू अग्रवाल विदा, विदा, विदा…अलविदा। अब मिलेंगे नहीं कभी नहीं हमें है पता। हँसते हुए, फिर भी देते हैं विदा।
Author: badalav
सुधीर जी आपका ये कदम ‘भलु लगद’
कार्टूनिस्ट भाटी के फेसबुक वॉल से हर इंसान के जीवन में एक ना एक फुंसुख वांगड़ू जैसा किरदार जरूर होता
देहरादून में साहित्य का समारोह और कुछ यादें
सुमन केशरी इस साल देहरादून लिट फ़ेस्ट में भाग लेने का सुयोग हुआ। शुक्रिया गीता गैरोला…शुक्रिया समय साक्ष्य! देहरादून लिट
‘सुशासन बाबू का फ़ैसला गांधीद्रोह से कम नहीं’
ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार सरकार के एक फैसले को लेकर पिछले दिनों अखबारों में ‘बुनियादी विद्यालयों को खत्म करने पर तुली
पारदर्शी कैबिनेट में गांधी का चरखा और समय का चक्र
धीरेंद्र पुंडीर “ अगर हमने गांधी को विश्व की शांति के लिए एक मसीहा के रूप में जन-मन तक स्थिर
मेघदूत में ‘राम की शक्तिपूजा’
संगम पांडेय कथक नृत्यांगना प्रतिभा सिंह निर्देशित प्रस्तुति ‘राम की शक्तिपूजा’ में सबसे ज्यादा जो चीज दिखती है वो है
जाति न पूछो अपराधी की…
राकेश कायस्थ अगर लालू यादव केवल इसलिए दोषी करार दिये गये क्योंकि उनका नाता पिछड़े समाज से हैं तो फिर
गांधी के 3 बंदर गायब हो गए… और उनके मंत्र?
धीरेंद्र पुंडीर ये तो गांधी जी की सत्याग्रह की जगह है जहां से गांधी जी ने सत्याग्रह किया है। वहां
महात्मा गांधी के चम्पारण में हाशिए पर किसान
ब्रह्मानंद ठाकुर आज 23 दिसंबर है यानी किसान दिवस, जो किसान नेता चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन के मौके पर
गुजरात- NCP, BSP ने क्या वाकई कांग्रेस का खेल बिगाड़ा?
शिरीष खरे गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद आंकड़ों के आईने से अलग-अलग विश्लेषक अपनी-अपनी तरह से तस्वीरें दिखा रहे