अनिल तिवारी वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल तिवारी जी ने अपनी रंग यात्रा को फेसबुक पर एक सीरीज में साझा किया है।
Author: badalav
33 साल बाद पूर्णिया कॉलेज की साहित्यिक ‘परिधि’ का विस्तार
बदलाव प्रतिनिधि पूर्णिया कॉलेज की पत्रिका ‘परिधि’ का लोकार्पण पिछले दिनों किया गया। भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति,
संतूर वादन से झंकृत हो गए पूर्णिया के तार
डॉ शंभु लाल वर्मा ‘कुशाग्र’ पूर्णिया के विद्या विहार इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नलॉजी में स्पीक मैके की ओर से संतूर वादन
“पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की 40वीं साहित्य गोष्ठी सम्पन्न
बदलाव प्रतिनिधि 28 जनवरी’ 2018, रविवार, वैशाली,गाजियाबाद। “68वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर देश भक्ति व सामाजिक सौहार्द ” पर
कहां हैं हिंसा की जड़ें सरकार ?
राकेश कायस्थ सांप्रादायिक हिंसा की किसी घटना के बाद होनेवाली प्रतिक्रियाओं पर ठीक से गौर कीजिये, आपको समझ में आ
पद्मावत- जाति के ठेकेदारों ने बवाल क्यों काटा?
अनुशक्ति सिंह मैं पैदाइश से राजपूत हूँ. मेरे नाम के पीछे लगा ‘सिंह’ सरनेम मेरे पिता की थाती है जो
पद्मावत का नाम ‘खिलजावत’ क्यों न रखा ?
विकास मिश्र ‘पद्मावत’ देखकर लौटा हूं वो भी 3डी में। तीन घंटे लंबी इस फिल्म का नाम तो असल में
किसान को सक्षम बनाए बिना मेक इन इंडिया अधूरा है
ब्रह्मानंद ठाकुर किसानों की बात सुनिए वित्त मंत्रीजी के पहले भाग में हमने दिल्ली में आयोजित संसद में किसानों को
मनमोहन-मोदी का फर्क, जवाब में नहीं मीडिया के सवाल में ढूंढिए
राकेश कायस्थ यह समय भारतीय समाज के स्मृति लोप का है। याद्दाश्त गजनी की तरह आती-जाती रहती है। जो लोग
पत्रकारिता की हड़बड़ी और मेरा दृष्टिदोष
शिरीष खरे कुछ बनने की जल्दी में हुआ दृष्टि-दोष, फिर एक दिन अचानक एक घटना से कि जाना निकट की चीजें दूर या दूर