ब्रह्मानंद ठाकुर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले दिनों खरीफ सीजन की फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की।
Author: badalav
छपरा की बेटी का दर्द … ओ री चिड़ैया
अनीश कुमार सिंह मैं बिहार के छपरा की बेटी हूं। मेरा दम घुट रहा है। एक-एक सांस मुझ पर भारी
वीरेन नंदा के किस्से पार्ट-3
वीरेन नंदा किस्सागोई के पिछले अंक में आपने पढ़ा कि कैसे दो दोस्त, जो साहित्यकार भी हैं, घर से रिक्शे
पूर्णिया में 8 जुलाई को रवि भूषण की फिल्म का प्रीमियर
बदलाव प्रतिनिधि नवोदय विद्यालय एल्युमिनी एसोसिएशन बिहार की ओर से पूर्णिया में 8 जुलाई को फिल्म “लाइफ ऑफ एन आउटकास्ट
पटना में 8 जुलाई को माहवारी पर बातें कीजिए खुलकर
पुष्यमित्र बिहार डॉयलॉग का तीसरा सत्र फाइनल हो गया है। विषय है, माहवारी, पीरियड्स, मासिक धर्म। मुद्दा है, इस मसले
‘लाल परी’ की चोरी और एक रंगकर्मी
अनिल तिवारी अनिल तिवारी के रंग अनुभवों की ये सीरीज बदलाव पर बीच-बीच में बाधित होती रही है। निजी व्यस्तताओं
जीवन में जल का ‘समर शेष’
विक्रांत बंसल आज हम भारत के किसी भी कोने में क्यों न रह रहे हों पानी की समस्या मुंह बाएं
घोंचू उवाच- जैसी बहे बयार ,पीठ तब तैसी दीजिए
ब्रह्मानंद ठाकुर घोंचू भाई खेती – पथारी का काम निबटा कर शाम होते ही मनकचोटन भाई के दरबाजे पर जुम
कबीर की परंपरा के कवि नागार्जुन
ब्रह्मानंद ठाकुर अक्खड़पन और खड़ी-खड़ी कहने की परम्परा में बाबा नागार्जुन कबीर के काफी करीब पड़ते हैं। किसी को बुरा
हिन्दू कहें मोहि राम पियारा, तुर्क कहें रहमाना… रे कबीरा, न बदला जमाना
श्वेता जया पांडे अगर आप कबीर को एक महान शख्सियत बताते हैं और उनकी महान ज़िंदगी से कुछ सीखने की