डा. सुधांशु कुमार अवसानोन्मुख छायावाद के साहित्याकाश में मानववाद एवं ग्राम्य चेतना के महाकवि रामइकबाल सिंह ‘राकेश’ का उदय हिंदी
Author: badalav
‘असंभव के विरुद्ध’ एक आवाज़ का यूं गुम हो जाना
पुष्य मित्र भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक के निधन से पूरा मीडिया जगह स्तब्ध है। हर कोई अपने अपने
सोशल मीडिया के ‘ब्लैकहोल’ में गुम होता युवावर्ग
डा. सुधांशु कुमार आज जिस प्रकार सोशल मीडिया पर खासकर किशोर और युवावर्ग अपनी आंखें गड़ाए रहते हैं , यह
जेपी आंदोलन का ‘निर्मल’ सिपाही
पुष्यमित्र जेपी आंदोलन का नाम लेते ही 70 के दशक में युवा रहे आजकल के नेता अपने संघर्षों की कहानियां
वीरेन नंदा की किस्सागोई पार्ट 4-5
वीरेन नन्दा किस्सागोई के के तीसरे अंक में आपने पढ़ा किस तरह कवि- कहानीकार दोस्तों ने शहर के एक मशहूर
फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अधिकतम घपलेबाजी
ब्रह्मानंद ठाकुर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछले दिनों खरीफ सीजन की फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की।
छपरा की बेटी का दर्द … ओ री चिड़ैया
अनीश कुमार सिंह मैं बिहार के छपरा की बेटी हूं। मेरा दम घुट रहा है। एक-एक सांस मुझ पर भारी
वीरेन नंदा के किस्से पार्ट-3
वीरेन नंदा किस्सागोई के पिछले अंक में आपने पढ़ा कि कैसे दो दोस्त, जो साहित्यकार भी हैं, घर से रिक्शे
पूर्णिया में 8 जुलाई को रवि भूषण की फिल्म का प्रीमियर
बदलाव प्रतिनिधि नवोदय विद्यालय एल्युमिनी एसोसिएशन बिहार की ओर से पूर्णिया में 8 जुलाई को फिल्म “लाइफ ऑफ एन आउटकास्ट
पटना में 8 जुलाई को माहवारी पर बातें कीजिए खुलकर
पुष्यमित्र बिहार डॉयलॉग का तीसरा सत्र फाइनल हो गया है। विषय है, माहवारी, पीरियड्स, मासिक धर्म। मुद्दा है, इस मसले