पशुपति शर्मा मई-जून 2018 की बात है। जेएनयू के मेरे एक साथी का फोन आया। वो बेगुसराय में अपने गांव
Author: badalav
7 मार्च को शादी थी… मेजर ने जल्द घर लौटने का किया था वादा
मेजर चित्रेश बिष्ट की 7 मार्च को शादी थी। एक युवा जिसने सपने देखने भी शुरू नहीं किये थे, आतंकवाद
विकास के दावों के बीच पानी ढोना ही जहां ज़िन्दगी है !
विकास के बड़े दावों के बीच देश के आदिवासी क्षेत्रों में पानी के रंग कुछ ऐसे है। ये आदिवासी किसान
घर में खुशियां आने वाली है… पिता को समझ नहीं आया बहू से क्या बताऊं ..?
वे गांव में रहते थे। साधारण किसान थे। वक़्त बदला तो अहसास हुआ कि परिवार की जिंदगी बदलनी है। शहर
आतंकी हमले पर किसने क्या कहा ?
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश “जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सी.आर.पी.एफ. के वीर जवानों की
खुफिया तंत्र फेल… आतंक का घिनौना खेल
14 फरवरी को पुलवामा के अवंतिपोरा में CRPF के काफिले को आतंकियों का हमाल उरी हमले से काफी बड़ा था
‘सिंह’ अगर मुलायम हो जाए तो…
अपने यहां नाम की बड़ी महिमा है। कई लोगों को नाम सूट कर जाता है। जिनको नाम सूट नहीं करता
एक जिंदादिल इंसान के सपनों का ‘अक्षय’ सफर
अक्षय विनोद के फेसबुक वॉल से साभार हर किसी का एक सपना होता है, हर कोई अपने मनमुताबिक जीने की
‘लक्ष्मी’ के आगे दम तोड़ती ‘सरस्वती’
ब्रह्मनंद ठाकुर रविवार को सरस्वती पूजा थी। स्कूलों में विरानगी और चौक-चराहे पर चहल-पहल । पंडालों में सजावट में व्यस्त
‘तड़प’ और ‘सपने’ के साथ ‘मुर्दा’ नहीं है निखिल दुबे
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार वो ख़बरों का ‘शार्प शूटर’ है। लंबा कद, तीखे ‘नैन-नक्श’, आड़ी-तिरछीं काली-सफेद मूंछें