राणा यशवंत के फेसबुक वॉल से साभार जिंदगी और मौत के बीच बस एक बारीक लकीर होती है, जैसे भरोसे
Author: badalav
नजरिया वैज्ञानिक रखिए, ज़िंदगी के रंग बदल जाएंगे
दयाशंकर मिश्र दूसरों के बातों को दोहराने से पहले उन पर विवेकपूर्ण दृष्टि ठीक वैसे ही है, जैसे सड़क पर
आदरणीय पीएम साहब, फुरसत मिले तो चिट्ठी पढ़िए जरूर
पीएम के नाम अक्षय विनोद शुक्ल की पाती माननीय प्रधानमंत्री जी, वैसे तो पहले ही बहुत देर हो चुकी है,
कोरोना काल के फरिश्ते दिलीप पांडे और डा. रजत
राणा यशवंत के फेसबुक वॉल से साभार सुबह के साढे आठ बज रहे थे. फोन उठाया तो लरजती सी आवाज
कोरोना तांडव की इस ‘बदनसीबी’ को ज़िंदगी भर कोसता रहूंगा- रमेश
रमेश रंजन सिंह आज मेरे सिर से पिताजी का साया हमेशा के लिए उठ गया। कोरोना ने पापा को हमसे
कोरोना को आपके धैर्यवाले रक्षाकवच को भेदने ना दें
दयाशंकर मिश्र जीसस ने जहां शिक्षा पाई, उस जगह का नाम इसेनीस था. इसेनीस का अर्थ है, धैर्य रखने वाले.
गणित की दुनिया में नये मेथड का ‘उदय’
सुजीत कुमार मिश्रा महाराष्ट्र का पुणे शहर जो इन दिनों कोरोना के हॉटस्पॉट की वजह से सुर्खियों में है, ऐसे
जीवन के रंगमंच पर रिहर्सल की गुंजाइश नहीं…आज में जिंदा रहिए
दयाशंकर मिश्र आज में आते ही कल बासी हो जाता है. एक और दूसरा कल, जिसकी अभी छाया भी नहीं
प्रेस क्लब के नए अध्यक्ष खांटी पत्रकार उमाकांत लखेरा
राजेश बादल अरसे बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया को एक खांटी पेशेवर पत्रकार अध्यक्ष के रूप में मिला है ।
जीवन में नैतिकता के मोल को पहचानिए
दयाशंकर मिश्र सबसे महत्व की चीज़ों को हम अक्सर आसानी से भुला देते हैं. ऐसे ही जीवन के दो तत्व