मेरे जेहन में कोई गांव नहीं और न ही मेरी परवरिश गांव में हुई। पर हां, पिछले पंद्रह सालों से
Author: badalav
गांव से प्रेम के ‘ढाई आखर’
-पशुपति शर्मा की रिपोर्ट बिहार के औरंगाबाद जिले का बरपा गांव, जहां हुई है बदलाव की शुरुआत, जहां बिखरे हैं
मन कवि, दिल पत्रकार और जज़्बा गांव बदलने का…
देश की सर्वोच्च सेवा के लिए अधिकारियों की नई जमात चुन ली गई है। इस समय हर तरफ देश के
क्योंकि मैं किसान हूँ….
नेताजी पूछे तुम कौन हो…? मैंने बोला, इन्सान हूँ…. क्या तेरे पास गाड़ी है…? हाँ मेरे पास बैलगाड़ी है …
वो तो शौचालय भी हज़म कर गए!
देश के प्रधानमंत्री और ‘निर्मल भारत‘ अभियान के संयोजक नरेंद्र मोदी यूँ तो अपने संसदीय इलाके काशी के जयापुर गाँव
सूरज के ताप से रौशन कर लें अपना गांव
अब समय आ गया है कि पंचायतों की ज़िम्मेदारियां बढ़ाई जाएं। पंचायतें मजबूत होंगी तो देश तेजी से तरक्की करेगा।
ट्रिंग-ट्रिंग… चल पड़ी है बेटी मेरे गांव की
बिहार में इन दिनों सड़कों पर आशाएं और उम्मीदें साइकिल पर सवार दिखती हैं। जिधर देखिए उधर टिन-टिन घंटी बजाते
गांव से अम्मा डांटेगी LIVE
”वक़्त बहुत तेजी से बदल चुका है। पहले हम लोग कभी किसी परिवार में जाते थे और छोटे बच्चे
गोली धीरे से चलइयो… ‘सरकार’!
बहुत दिनों के बाद पिछले दिनों गाँव जाना हुआ। मेरा गाँव बुंदेलखण्ड के दक्षिणी छोर पर चम्बल और यमुना नदी
बकरी तेल लगाती है, कंघी करती है… !
शीर्षक को समझने के लिए आपको यह लेख पूरा पढ़ने की ज़हमत उठानी होगी। यह रिपोर्ट जो मैं लिख रहा