हम अक्सर गांव की समस्याओं के लिए शासन, पंचायत या फिर सरपंच को दोषी ठहराते रहते हैं। कभी कहते हैं
Author: badalav
दो पैसे, बुढापे के लिए बचा लो भाई!
गरीबों और शोषित वर्गों के लोगों का बुढ़ापा सुरक्षित करने के लिए भारत सरकार ने 2014-15 के बजट में बीमा
पगला नथुनिया… तेरा बऊआ आया गांव रे!
तब ये ट्रेन कहां थी गांव जाने के लिए। रामेश्वर घाट पर मिनी बसें छोड़ जातीं और फिर वहां
तीन बेर ही टूटता है वीराने बिरौल का सन्नाटा
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने 400 स्टेशनों के कायाकल्प की योजना को हरी झंडी दे दी
रिश्वत दिया होता तो IAS ना बन पाता- रवि यादव
टीम बदलाव ईमानदारी जिसकी आत्मा है और सच्चाई जिसकी ताकत । हम बात कर रहे हैं देश के नौनिहाल IAS
शासन का ‘सुडोकू’ सुलझाएगी गांव की बेटी
यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) के इम्तिहान में इस बार महिलाओं ने बाजी मारी है, उन्हीं में एक नाम है
32 लाख का रपटा, पहली बारिश में निपटा !
नरैनी, बाँदा – दोआबा क्षेत्र के अति पिछड़े गाँव शाहपाटन का हाल भी अजब है। यहाँ सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान और
सुनो डुमरिया, क्या बोले बहुरिया?
मेरे जेहन में कोई गांव नहीं और न ही मेरी परवरिश गांव में हुई। पर हां, पिछले पंद्रह सालों से
गांव से प्रेम के ‘ढाई आखर’
-पशुपति शर्मा की रिपोर्ट बिहार के औरंगाबाद जिले का बरपा गांव, जहां हुई है बदलाव की शुरुआत, जहां बिखरे हैं
मन कवि, दिल पत्रकार और जज़्बा गांव बदलने का…
देश की सर्वोच्च सेवा के लिए अधिकारियों की नई जमात चुन ली गई है। इस समय हर तरफ देश के