कीर्ति दीक्षित कुछ समय पहले चुनावों के दौरान बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी धनखड साहब ने कहा था
Author: badalav
‘स्टार्टअप’ के दौर में तालाबंदी? ये वक़्त-‘वक़्त’ की बात है
राजीव मंडल आप केंद्र सरकार की इस विरोधाभासी संकल्पना पर तालियां पीट सकते हैं लेकिन ‘मेक इन इंडिया” और ‘स्टार्टअप-स्टैंडअप”
‘लव योर पुलिस’- इस मुहब्बत में मुश्किलात बहुत हैं जनाब
अरुण प्रकाश हमारे देश में पुलिसिया ख़ौफ़ की कहानी किसी से छिपी नहीं है। पुलिस की छवि कुछ ऐसी है कि
‘स्टार्ट अप’ से ‘स्टैंड अप’ तक… कहीं वो तमाशबीन ही न रह जाएं?
राजेंद्र तिवारी अस्सी के दशक में जब आर्थिक ‘ट्रिकल डाउन’ थ्योरी आयी थी और नब्बे के दशक में जब हमारी
थर्ड जेंडर ने छेड़ी बराबरी के अधिकार की जंग
शिरीष खरे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहने वाली प्रिया (बदला नाम) एक ट्रांस जेंडर हैं। उसके अपने सपने थे,
सूरज ने चाल बदली, रौशन कर लो अपना पथ
डॉ. दीपक आचार्य दक्षिण गुजरात में एक जिला है डांग, यहां शत-प्रतिशत वनवासी आबादी बसी हुई है और यहां आमजनों
छत्तीसगढ़ के ‘होरी’ की व्यथा कथा कौन सुनेगा?
दिवाकर मुक्तिबोध लालसाय पुहूप। आदिवासी किसान। उम्र करीब 33 वर्ष। पिता – शिवप्रसाद पुहूप। स्थायी निवास – प्रेमनगर विकासखंड स्थित
नए साल पर एक ट्रिप जलपुरुष के गांव की
संजय तिवारी 8 जनवरी की सुबह मैं अपने दोस्त के साथ अलवर से तकरीबन 1 घंटे की दूरी तय कर
‘अल-नीनो’ के बाद ‘ला नीना’, किसानों के शत्रु ‘भाई-बहन’?
सत्येंद्र कुमार यादव भाई ने बिन पानी सब सून किया। अब बहन पानी में सब कुछ डूबो सकती है। इस
“कोई मरने से मर नहीं जाता, देख लो वो यहीं कहीं होगा“
नवीन कुमार IIMC पास करने के कुछ दिनों की बात है। पत्रकारिता का नया-नया रंगरूट था। नौकरी नहीं करने का