किसानों और सरकारों का रिश्ता अजीब सा रहा है। सरकारें योजनाएं बनाती हैं, खूब पैसा बहाती हैं, लेकिन न जाने
Author: badalav
साहेब, तुमका पूरा गाँव घूमबे का चाही !
आशीष सागर दीक्षित उत्तरप्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अलोक रंजन बुंदेलखंड के दो दिन के दौरे से वापस अपने पंचम
सात बरस बाद ‘मुंहबोले’ बाबा से मिलेंगे राहुल ?
सुनीता द्विवेदी क्या आपने कभी बुंदेलखंड में राहुल के गाँव के बारे में सुना है? राहुल गांधी जो देश की
बागेश्वर के गरुड़ से ओलंपिक तक
बी डी असनोड़ा पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम ने कहा था कुछ बनना है तो बड़े सपने देखा करो। उनकी बातों
अब आना इस देश लाडो!
कीर्ति दीक्षित कुछ समय पहले चुनावों के दौरान बीजेपी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी धनखड साहब ने कहा था
‘स्टार्टअप’ के दौर में तालाबंदी? ये वक़्त-‘वक़्त’ की बात है
राजीव मंडल आप केंद्र सरकार की इस विरोधाभासी संकल्पना पर तालियां पीट सकते हैं लेकिन ‘मेक इन इंडिया” और ‘स्टार्टअप-स्टैंडअप”
‘लव योर पुलिस’- इस मुहब्बत में मुश्किलात बहुत हैं जनाब
अरुण प्रकाश हमारे देश में पुलिसिया ख़ौफ़ की कहानी किसी से छिपी नहीं है। पुलिस की छवि कुछ ऐसी है कि
‘स्टार्ट अप’ से ‘स्टैंड अप’ तक… कहीं वो तमाशबीन ही न रह जाएं?
राजेंद्र तिवारी अस्सी के दशक में जब आर्थिक ‘ट्रिकल डाउन’ थ्योरी आयी थी और नब्बे के दशक में जब हमारी
थर्ड जेंडर ने छेड़ी बराबरी के अधिकार की जंग
शिरीष खरे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहने वाली प्रिया (बदला नाम) एक ट्रांस जेंडर हैं। उसके अपने सपने थे,
सूरज ने चाल बदली, रौशन कर लो अपना पथ
डॉ. दीपक आचार्य दक्षिण गुजरात में एक जिला है डांग, यहां शत-प्रतिशत वनवासी आबादी बसी हुई है और यहां आमजनों