एक इस्तीफ़ा, हमेशा एक व्यक्ति का नहीं होता। वो उन तमाम लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति होता है, जो अपनी
Author: badalav
जौनपुर से बह चली ‘बदलाव’ की बयार
गांव में बदलाव का मतलब होता है कच्ची सड़क पक्की हो जाए। खेती में नया प्रयोग, आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल।
तिरंगे के रंग हज़ार
तिरंगे के रंग आँखें तभी साफ़ साफ़ देख पाती हैं जब पेट में रोटी होती है, हाथ तिरंगे को
जौनपुर के नेवादा गांव में बदलाव की पहली ‘चौपाल’
बिहार के मधेपुरा से शुरू हुआ बदलाव का सफर अब अपने अगले मुकाम की ओर बढ़ चला है। आप सभी
सब ठाठ धरा रह जायेगा…
तू आया है, तो जायेगा हम रोटी–भात खायेगा। तू लोहा–सोना खोदेगा हम खेत में नागर जोतेगा। तू हीरा-पन्ना बेचेगा हम
जेएनयू को ‘राष्ट्रद्रोही’ कहना, ‘देशभक्ति’ नहीं है!
विकास दिव्यकीर्ति (एक हज़ार से ज़्यादा शेयर और करीब 3000 लाइक्स। विकास दिव्यकीर्ति ने जेएनयू प्रकरण पर संतुलित राय रखी
इंसाफ़ के मंदिर में ये ‘राष्ट्रदूत’ कौन हैं?
गांधी के इस देश में हम कहें चाहें कुछ भी लेकिन जब बड़े मौके आते हैं तो हम अहिंसा के
‘उन्माद’ की आग में अपने-अपने चेहरे देख लो
जेएनयू पर चर्चाओं का दौर जारी है। सोशल मीडिया पर जंग चल रही है। आपसे किए वादे के मुताबिक टीम
जेएनयू में हंगामा क्यों बरपा है… सबको पता है!
जेएनयू में ‘देशद्रोह’ पर हंगामा बरपा है। हंगामा ऐसा कि दो गुट बंट गए हैं। अब वैचारिक स्तर पर बातचीत
पंडितजीका गायन ही देश-राग है
देवांशु झा सन चौरासी की बात है। रेडियो पर दोपहर डेढ़ बजे शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम आता था। स्कूल के