मनोरमा सिंह ये मिश्रा चाची हैं। बरौनी आरटीएस, में मेरे पड़ोस की चाची। मैथिल और अंगिका बोलने वाली चाची, अपनी
Author: badalav
छत्तीसगढ़ में अन्नदाता के मुआवजे में फिर बंदरबांट
शिरीष खरे अस्सी साल के जगदीश सोनी ने अपने तीन बेटों के साथ 15 एकड़ खेत में धान बोया, मगर
देश की राजधानी में किसानों का मेला
अरुण यादव दिल्ली में कृषि मेला। राजधानी का ताना-बाना खेत-खलिहान वाला नहीं है, लेकिन पिछले हफ्ते देश के सबसे बड़े
पंचायत चुनावों में बगहा का गांव चर्चा में क्यों है?
पुष्यमित्र जहां इन दिनों बिहार का हर गांव पंचायत चुनाव की गहमा-गहमी में डूबा है, पश्चिम चंपारण के बगहा-2 प्रखंड
नाचे तन-मन, नाचे जीवन
हिलता-खिलता-मिलता-जुलता आया होली का त्यौहार। नाचे तन-मन, नाचे जीवन नाचे आंगन, नाचे उपवन रंग-बिरंगी ओढ़ चदरिया धरती लाई नई बहार।
नाचे, गाएं, खेलें होली… जोगीरा सा रा रा
बासु मित्र पिछले एक दशक से मेरे गांव में भी होली की चमक फीकी सी हो गयी थी। रोजी-रोटी के
मुस्कान… आशाओं वाली… उम्मीदों वाली
हेमन्त वशिष्ठ ये तस्वीर आपसे कुछ कहना चाहती है… ये बेफिक्री… कुछ कहना चाहती हैं… कुछ कहना चाहते हैं ये
गांव वालों ने लौटाईं अस्पताल की ‘सांसें’
पुष्यमित्र यह उन हौसले वाले ग्रामीणों की कथा है, जिन्होंने हाईकोर्ट से लड़ कर अपने गांव के बंद पड़े अस्पताल
गांधी के ग्राम-स्वराज को साकार करता गांव
शिवाजी राय चमचमाती गलियां, रात को हर चौक-चौराहे पर जलते लैंप पोस्ट, सुबह के वक़्त गलियों में साफ-सफाई करते बच्चे,
‘सागर’ की गहराई तो समझो साहब !
अरुण यादव पिछले कुछ दिनों से आशीष सागर दीक्षित का फेसबुल वॉल नहीं देख पाया था, लेकिन जब बदलाव पर