बसंत कुमार जब गांव में था तो आसपास थी पति से पिटती औरतें, पति और बच्चों के सपने को अपना
Author: badalav
भितिहरवा गांव, जिसने याद रखा कस्तूरबा का ‘ककहरा’
पुष्यमित्र लोगों ने इस स्कूल को जिंदा रखने के लिए तीन-तीन बार अलग-अलग जगह जमीन दान की। गोरों ने स्कूल
कितने अजीब रिश्ते हैं यहां पे !
हंसा कोरंगा ‘तेरे दिल में मेरी सांसों को पनाह मिल जाए…तेरे इश्क में मेरी जान फना हो जाए… ‘ क्या आज
साइकिल चलाओ, बिजली बनाओ…पावर का डबल डोज!
सत्येंद्र कुमार यादव साइकिल बड़ी काम की सवारी है। गांव, कस्बों और छोटे शहरों में गेहूं पिसवाने, धान कुटवाने से
इस तरह रहेगी मानवता, कब तक मनुष्य से डरी हुई ?
कीर्ति दीक्षित काश हे मजदूर! तुम भी असहिष्णु हो जाते, हे किसान! तुम भी असहिष्णु हो जाते। आकुल अन्तर की
पढ़ाई के लिए ऐसी लड़ाई! जय बीना, जय हिंद!
रूपेश कुमार बीना को इसलिए उसके ससुरालवालों ने घर से निकाल दिया कि वह पढ़ना चाहती थी, लेकिन उसने हिम्मत
हड़ताल के 35 दिन, सर्राफ़ा कारोबार में हाहाकार क्यों?
पशुपति शर्मा शुभाशीष दे। गीता ज्वैलर्स के प्रोपराइटर। गाजियाबाद के वसुंधरा में कमल ढाबे के सामने इनकी ज्वैलरी की छोटी
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है…
रिषीकांत सिंह चार दिन पहले की बात है। रात में सोने की तैयारी कर रहा था। अचानक ऊपर वाले फ्लैट
न्यूक्लियर प्लांट के ‘भयावह’ सच को ‘लीक’ करने की अंतहीन सज़ा
कुछ दिन पहले 11 मार्च को गुजरात में मौजूद काकरापार न्यूक्लियर प्लांट में लीकेज की ख़बर आई थी लेकिन इस
सिलिकन वैली से कुछ यूं देखा उसने अपने हिंदुस्तान को…
रिद्धी भेदा मैं मिड्ल स्कूल की छात्रा हूं और इन दिनों सांटा क्लारा में रहती हूं, जिसे सिलिकन वैली के