शिरीष खरे इंदौर जिले का उज्जैनी गांव 29 नवंबर, 2012 को एक ऐतिहासिक फैसले का गवाह बना था। ये वही
Author: badalav
विकास के मॉडल पर बात करनी हो तो चलिए ‘कान्हा’
“ लोगों के बीच जाइए। उनके साथ रहिए। उनसे सीखिए। उन्हें स्नेह दीजिए। शुरू करें वहां से जो वे जानते हैं।
कीर्ति दीक्षित के उपन्यास ‘जनेऊ’ की पहली झलक
सत्येंद्र कुमार यादव मार्च 2009 में ईटीवी न्यूज से जुड़ा। फिर मुझे रायपुर से हैदराबाद जाना हुआ। चूंकि मैं नया-नया
सिमटती खेती, बढ़ती परेशानियां
सैयद ज़ैग़म मुर्तज़ा दोआबा… यानि दो बहते दरिया के बीच का इलाक़ा। यह ‘दो’ और ‘आब’ शब्दों के जोड़ से
मैडम, बदतमीजी… अगर लगी तो सॉरी
राकेश कुमार मालवीय उस लड़की के जोर से चिल्लाने से मेरी नींद खुली। वह अपनी बर्थ से उठकर दौड़ती ट्रेन
रायपुर में ‘मोचीराम’ की चीख और चुप्पी
टीम बदलाव “बाबूजी सच कहूं, मेरी निगाह में न कोई छोटा है न कोई बड़ा, मेरे लिए हर आदमी एक
आदिवासियों की उपेक्षा कब तक ?
सत्येंद्र कुमार यादव अगर हम सवाल करें कि दिल्ली में बैठे पत्रकार आदिवासियों के बारे में कितना समझते हैं तो
ट्रैक्टर बिक्री में सबसे तेज बढ़ते राज्य की दुर्दशा
शिरीष खरे साल 2014 में अकेले मध्य-प्रदेश के किसानों ने 88 हजार ट्रैक्टर खरीदे थे। तब सूबे में 32 प्रतिशत
आखिरी सांसे गिनता पटना का गुणसागर तालाब
पुष्यमित्र पटना के सैदपुर नहर के किनारे बनी कच्ची सड़क पर चलते-चलते हम दरगाह तक पहुंच गए, मगर आसपास का
एक पुलिसवाले की ‘मन की बात’
नवनीत सीकेरा के फेसबुक वॉल से यूपी पुलिस के तेज तर्रार IPS नवनीत सीकेरा वैसे तो किसी न किसी रूप