पुष्यमित्र अगर आपको लगता है कि दुर्गा, लक्ष्मी, महादेव, हनुमान और विष्णु जैसे देवता ही हिंदुओं के सबसे प्रिय और
Author: badalav
रोपिया तो हो गईल लेकिन अब पानी नइखे
सत्येंद्र कुमार यादव माता-पिता के पास मैं रोजाना फोन करता हूं। लेकिन जिस दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है उस दिन
भूले नहीं भूलती मढौरा के मॉर्टन की मिठास
अनीश कुमार सिंह मढ़ौरा, सारण ज़िला मुख्यालय छपरा से 26 किलोमीटर दूर, उत्तर की ओर बसा एक कस्बा। आज के
शौचालय, औरतें और सबक 5 रूपये वाला
संध्या कश्यप दुनिया से जीती, जीती खुद से हारी …बस ध्वस्त खड़ी हूँ मैं …!!! स्वानंद किरकिरे की ये पंक्तिया
फूलन देवी की मां को किस कसूर की सज़ा?
एक समय में जिस फूलन के नाम से सरकार और शासन का पसीना छूटता था और अधिकारी त्राहि-त्राहि करते थे,
गिर ना पड़े शिवराज की ‘सवारी’
शिरीष खरे गणेश पाटीदार को मध्य-प्रदेश केभोपाल से करीब 350 किलोमीटर दूर बड़वानी पहुंचने में कोई 8 घंटे का सफर
सत्ता और ताक़त के लिए देह का सौदा क्यों?
पिछले कुछ दिनों से फेसबुक पर स्त्री विमर्श पर कई टिप्पणियां देखीं। जेएनयू की रिसर्च स्कॉलर रहीं सुदीप्ति ने इस
हम प्यासे मरेंगे और वो हमारी नदियों का पानी बेचेंगे…
मैगसेसे और स्कॉटहोम वाटर जैसे पुरस्कारों से नवाजे गए जल वैज्ञानिक राजेन्द्र सिंह का कहना है कि केंद्र की मोदी
‘ग़म-ए-वोट’ में कुछ यूं बदले ‘गेम-ए-कैबिनेट’ के कायदे
प्रणय यादव उम्मीदें बहुत थीं। बातें बहुत थीं। दावे बहुत थे। लेकिन हुआ क्या? जो हुआ वही तो होता आया
किसानों का संकटमोचक ‘रहट’ कहां गुम हो गया?
अरुण यादव रहट नाम से क्या आपके जेहन में कोई तस्वीर खिंचती है। क्या आप रहट के बारे में जानते