विनोद कापड़ी एक बिस्तर पर चार-चार मरीज़। ICU के गलियारे में सॉंसो की आख़िरी आस। अस्पताल के ठीक अंदर मरीज़
Author: badalav
अंधे बिल में फंस गया हूं…
पेरुमल मोरुगन की अंग्रेजी में पढ़ी एक कविता का हिन्दी अनुवाद देविंदर कौर उप्पल ने किया है। यह कविता अपने
शराबबंदी ने हमको हमारा गांव लौटा दिया
पुष्यमित्र बात अगस्त की एक सुबह की है। दिन के 11 बजे होंगे, मुजफ्फरपुर के मड़वन खुर्द गांव में लोगों
जन्माष्टमी मनाइए…लेकिन कृष्ण के उपदेशों को भूलिए नहीं
धीरज वशिष्ठ पूरे मानवता के इतिहास में कृष्ण अकेले ऐसे व्यक्तित्व हैं जो सभी आयामों में खिले हुएं हैं। कहीं
आस्था और अंधविश्वास के बीच दर्शन का आनंद
बरुण के सखाजी हम सपरिवार सुबह-सुबह मैहर रेलवे स्टेशन पर थे। हल्की बारिश और शारदा मंदिर की पहाड़ी कोहरे के
माधव का महाकाव्य- श्याम चरित मानस
महेश कुमार मिश्रा संत गोस्वामी तुलसीदास जिन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम पर राम चरित मानस महाकाव्य की रचना की । ऐसा माना
विकास सोने की कटारी है, तो क्या उसे अपने पेट में भोंक लें ?
राकेश मालवीय सत्तर साल में विकास के किसी भी आयाम ने ‘डिलीवर’ नहीं किया है, इसे स्वीकारने में हमें इतनी
भक्तों, भगवन की नज़रें सोशल मीडिया पर भी है!
मनीष कपूर पिछले कुछ दिनों से मेरे सपने में हर रोज भगवान आते हैं और एक ही बात कहते हैं-
गोवा जो मैंने देखा
देवांशु झा होटल के अलंकरण से बाहर निकलते ही द्रुमवितान विस्तृत है। दोनों ओर पेड़ों की हरी छतरी है। और
कोसी- रेत की तरह मुट्ठी से फिसल जाता है मुआवजा
रूपेश कुमार 18 अगस्त ! इस दिन को याद करते ही कोसीवासियों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आठ साल पहले