सत्येंद्र कुमार यादव 7 अक्टूबर 2016 की वो शाम, ‘एसिड वाली लड़की’ को देखा, सुना और उनके दर्द को महसूस
Author: badalav
रामलीला में मंच से पहले ‘मारीच वध’ क्यों?
शंभु झा जब जिंदगी दिल्ली नहीं थी, तब की बात है । तब रामलीला देखने का बड़ा उत्साह रहता था।
अपना ‘रोशन’ क्या किसी ‘बाज बहादुर’ से कम है ?
सच्चिदानंद जोशी कुछ दिन पहले मांडू जाना हुआ। यात्रा के अंतिम पड़ाव में हम प्रसिद्द दिल्ली दरवाजे पर रुके, क्योंकि
मियां साहब, आपने देहाती औरत कहा था !
सितम्बर 2013 में यूएन जनरल असेम्बली के समय पाकिस्तान के वज़ीरे आज़म ने पत्रकारों के साथ नाश्ते के दौरान कहा
भूख और बीमारी के ख़िलाफ़ 60 दिनों से उपवास
कीर्ति दीक्षित भूख और बीमारी सभी ऊर्जाओं को पिघला कर भस्म कर दिया करते हैं, बुंदेलखंड भूखा भी है,बीमार भी!
राधा मोहन सिंह को ग़ुस्सा क्यों आया?
कुणाल प्रताप सिंह मोदी मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्रियों में शुमार किये जाने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने मोतिहारी
कितने शहरों में कितने माही गुम हो गए !
राकेश कायस्थ हर फिल्मी कहानी में थोड़ा-बहुत हिस्सा हमारी अपनी जिंदगिंयों का भी होता है। महेंद्र सिंह धोनी की अनकही कहानी
कैसे हैवानियत में बदल गई रुमानियत ?
हमारे चेहरे पर अगर दाग हो जाए तो आइने में उसे बार-बार देखते हैं । उसे हटाने के लिए
पप्पी आपका तो***### किसका ?
मनीष कपूर स्वच्छता अभियान को शरु हुए दो बरस बीत गए। साल 2014 में गांधी जयंती पर पीएम मोदी ने
कहां खो गया बापू का प्यारा गांव बेनीपुर ?
ब्रह्मानंद ठाकुर मैं बात कर रहा हूँ कलाम के जादूगर रामवृक्ष बेनीपुरी के गाँव बेनीपुर की । बागमती नदी से