दीपों के पर्व की रौनक हर तरफ बिखरी है। समाज का हर तबका अपने-अपने अंदाज में दीवाली मना रहा है।
Author: badalav
लमही में एक लम्हा ‘प्रेम’ का
अरुण यादव इधर कुछ दिनों से दफ्तर के कामकाज ने इस कदर उलझा रखा था कि समाज और साहित्य दोनों
रजत! अपनों के ‘आंसू’ की फिक्र भी कर लेते भाई
पंकज त्रिपाठी आजतक का युवा रिपोर्टर रजत सिंह। करीब 29 साल की उम्र में ही इस होनहार साथी ने बहुत कुछ
दिल्ली में फोटोग्राफी के किंग से एक मुलाक़ात
सत्येंद्र कुमार यादव कुछ पत्रकार साथियों के साथ 25 अक्टूबर 2016 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र जाना हुआ । IGNCA
फिर बिखरेगा चंपारण का ‘नीला’ रंग!
पुष्यमित्र भारत ने दुनिया को जो कुछ बेशकीमती तोहफे दिये हैं उनमें से एक प्राकृतिक नीला रंग नील भी है।
विरोध का भी अपना ‘कारोबार’ है!
चंदन शर्मा के फेसबुक वॉल से हम तो विरोध करेंगे-एक चाइना के दूरदराज के एक गांव में बनने वाला फ्लावर
जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करतीं…!
कुमार सर्वेश डॉ. लोहिया ने कहा था कि जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करतीं। लगता है अपने समाजवादी पितामह
विदेशी ‘पतिदेव’ को देसी परंपरा का पाठ
सच्चिदानंद जोशी करवा चौथ और अमेरिकी चुनाव। आप भी सोचते होंगे की करवा चौथ का अमेरिका में होने वाले चुनाव से
एक गुरु ने जगमग कर दी पाठशाला
सैयद ज़ैग़म मुर्तज़ा उत्तर प्रदेश का एक सरकारी स्कूल इन दिनों अच्छी वजहों से चर्चा में है। प्रदेश के दूरदराज़
चुल्लू भर पानी में डूब कर मरो !
वरिष्ठ पत्रकार रमेश परिदा के फेसबुक वॉल से बेहद शर्मनाक ! मध्य प्रदेश के होशंगाबाद से घर से भागी युवती