संगम पांडेय अपनी निःशब्द प्रस्तुति ‘लव योर नेचर’ में निर्देशक युमनाम सदानंद सिंह ने मंच पर एक छोटा-मोटा जंगल ही
Author: badalav
विकास की आपाधापी में दम तोड़ती नैतिकता
ब्रह्मानंद ठाकुर आज हमारा गांव विकास के इस आपाधापी में अतीत के तमाम उच्च नैतिक मानदंडों को बड़ी तेजी से
जीवन पथ
रेणु ओहरी जीवन इक राह है, चलने का नाम है सपनों के पंख लिए,ऊंची
गिरहथिन से मोहब्बत का नाता हर दिन का है !
पुष्यमित्र वेलेंटाइन डे पर उन सभी प्रेमिकाओं को शुभकामनाएं जिन्होंने मेरे जीवन में कभी भी एक क्षण के लिये भी
बाज़ार के क्रूर दौर में नई उम्मीद है तमाशा-ए-नौटंकी
सुमित सारांश “तमाशा-ए-नौटंकी” कला की एक विधा को बचाने की मौलिक कोशिश है। 19वें भारत रंग महोत्सव में “तमाशा-ए-नौटंकी” का
लोकल चेहरों से क्यों डरती है मोदी-शाह की जोड़ी?
पुष्यमित्र पंजाब, यूपी, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनावी मौसम। कहीं अखिलेश-राहुल जलवा बिखेर रहे हैं तो कहीं केजरीवाल-भगवंत मान की
बटन दबते ही धड़कन तेज़ !
रवि किशोर श्रीवास्तव कतार घट चुकी थी, एकआध लोग ही बचे थे। पोलिंग बूथ के अधिकारी और कर्मचारी रवानगी की
केराकत की ‘तूफानी कलह’ में कहीं मुरझा न जाये SP का ‘गुलाब’
अरुण प्रकाश यूपी में चुनावी सरगर्मियां चरम पर है। पूर्वांचल में वोटिंग 8 मार्च को होनी है लेकिन सियासी पारा
17 बरस के हो गए गिरीश मिश्र के ‘क्रांति-सूत्र’
आनन्दवर्धन प्रियवत्सलम 4 फरवरी को पटना के बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के दफ्तर में दर्जनों पत्रकार जुटे। गिरीश मिश्र को
मुद्रा स्कीम में लोन हासिल करना ही बड़ी चुनौती-पीड़ित
‘यहां तक आते-आते सूख जाती हैं नदियां, मुझे मालूम है पानी कहां ठहरा होगा । वैसे तो कवि दुष्यंत ने