सर्बानी शर्मा दिल्ली से सटे नोएडा में बदलाव, ढाई आखर फाउंडेशन और दस्तक की ओर से आयोजित पहले होली मिलन
Author: badalav
आज है बदलाव का पहला होली मिलन
‘बदलाव’ ने ढाई आखर फाउंडेशन और दस्तक के साथ मिलकर होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन रखा है। पिछले दो साल
कटरा को सांसद गोद तो लिए हैं लेकिन ‘आदर्श’ कुछ भी नहीं है !
आशीष सागर दीक्षित केंद्र में बीजेपी की सरकार आई तो प्रधानमंत्री मोदी ने देश के गाँवो को बड़ा सपना दिखाया।
कहीं दर्जनों फ्लाईओवर, कहीं एक अदद पुल की जंग
पुष्यमित्र फरकिया के ढेंगराहा पुल की लड़ाई अभी शुरू हुई है। हो सकता है इन्हें जल्द सफलता मिल जाये, हो
फरकिया का आंदोलन और “रेडियो कोसी”
राजीव रंजन प्रसाद पुष्यमित्र के उपन्यास “रेडियो कोसी” पर टिप्पणी करना चाहता था, शायद अब सही समय है। पिछले कई
कन्हैया से गुरमेहर तक ट्रैप में क्यों फंसा मीडिया?
पुष्यमित्र अपने देश में राजनीति ने काम करने का बड़ा दिलचस्प तरीका अख्तियार कर लिया है, दुर्भाग्य यह है कि
ऐसे साक्षात्कारों से ‘मुस्कान’ चुराता था कामता
पिछले कई घंटों से सोशल मीडिया पर कामता सिंह के निधन की सूचना के बाद पत्रकार साथियों के गमजदा संदेश
“सरजी एक आइडिया है” वाला कामता चला गया
संजय बिष्ट के फेसबुक वॉल से दुनिया किसी के न रहने के बाद भी चलेगी… वक्त दौड़ेगा वैसे ही आंसूओं को
मालिक! हमारी ‘गुरमेहरों’ को बक्श दीजिए
मृदुला शुक्ला जरा पलटिये माइथोलोजी से लेकर इतिहास की पोथियाँ, स्त्रियां कब रही हैं युद्ध के समर्थन में ? ये
देश को कई ‘युद्धों’ से बचाना है!
धीरेंद्र पुंडीर कारगिल में एकाएक कही से युद्ध आ गया और उसने हिंदुस्तानी जवानों को मार गिराया। ये युद्ध कहां