संजय पंकज मदहोशी में सारी जगती, थरती भरती भीड़ है अरे, यहां तो सब बंजारे, कहां किसी की नीड
Author: badalav
एक ऑटो ड्राइवर की ईमानदारी को सलाम
पशुपति शर्मा अगर आपका बैग किसी ऑटो में छूट जाए और आपकी जेब में आगे के किराये के लिए पैसा
गांधी की ‘कर्मभूमि’ पर आज रो रही हैं ‘कस्तूरबा’
ब्रह्मानंद ठाकुर देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चंपारण शताब्दी वर्ष मना रहा है । दिल्ली से लेकर बिहार तक प्रधानमंत्री
महिला उत्पीड़न के ख़िलाफ़ फाइटिंग सेंटर बने ‘शीरोज़’
रश्मि गुप्ता रूपाली की कैब आने में देरी हो रही थी और मैं भी अपनी कार का इन्तजार कर रही
थोड़ी सी जगह लिबरल डेमोक्रेट को भी दे दीजिए
राकेश कायस्थ राजनीतिक शब्दावली में जिसे लिबरल डेमोक्रेट कहते हैं, मैं उसी तरह का आदमी हूं। वामपंथियों और दक्षिणपंथियों के
चंपारण के 100 साल, आज तो कर लो गांधी को याद
ब्रह्मानंद ठाकुर मौसम भी है और मौका भी। इसमें जो चूक गया, वह पछताएगा। भले ही गांधी की हत्या किसी
मीना खलको!
शिरीष खरे खबर लिखते समय कई चरित्र ऐसे होते हैं जो हमारे दिल और दिमाग में बैठ जाते हैं। कई
आओ गांधी-गांधी खेलें !
ब्रह्मानंद ठाकुर देश महात्मा गांधी के चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष मना रहा है तो जाहिर है कि मुजफ्फरपुर इस आयोजन
मजहब नहीं नाजायज रिवाज से जंग लड़ रही हैं मुस्लिम महिलाएं
ब्रह्मानंद ठाकुर औरत ने जन्म दिया मर्दों को , मर्दों ने उसे बाजार दिया। जब जी चाहा मसला-कुचला, जब जी
रहिमन, ये नर जिंदा हैं… जिन मुख निकसत ‘हां’ ही!
विकास मिश्रा हमारे एक पुराने सहयोगी के दोस्त ने उनसे जरूरत पड़ने पर उनकी कार मांग ली थी। उन्होंने कार