Celebrating Mother’s day, in different way। जी हां, मदर्स डे के मौके को बदलाव और वुमनिया ने कुछ अलग तरह
Author: badalav
स्वेक्षा- सुरों के सुरीले सफ़र की शुरुआत
लखनऊ प्रतिनिधि, बदलाव कविवर रविन्द्र नाथ टैगोर के 127वाँ जयंती के अवसर पर Bengali Club &Young men’s Association, Lucknow की
रंगमंच पर साकार राजकमल चौधरी की ‘मल्लाह टोली’
संगम पांडेय नीलेश दीपक की प्रस्तुति ‘मल्लाह टोली’ एक बस्ती का वृत्तचित्र है। ‘कैमरा’ यहाँ ठहर-ठहरकर कई घरों के भीतर
महानंदा के ठांव, दो चदरा की नाव
भूषण चौंकिए मत। यह जो चित्र आपके सामने है यह एक नाव का है। एक बड़ी नाव जितना काम कर
देखा एक ख्वाब तो बागों में खिल उठे गुलाब
इफको लाइव से साभार आज कल खेती को हर कोई घाटे का सौदा मानने लगा है। किसान खेतों में दिन
अच्छाई की ‘महंगी’ खेती और खुशियों की हरियाली
विकास मिश्रा 2000 की बात है, उस समय अमर उजाला मेरठ के प्रादेशिक हेड थे पंकज तिवारी जी। अपने अधीनस्थों
बिलकिस बानो प्रकरण- न्याय का मतलब प्रतिशोध नहीं होता
कविता कृष्णन बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार कांड में उच्च न्यायालय ने 11 दोषियों की उम्रक़ैद की सज़ा बरक़रार रखी। यह
फसलों का ‘समर्थन मूल्य’ किसानों के साथ ‘धोखा’
ब्रह्मानंद ठाकुर ‘यहां तक आते आते सूख जाती है नदियां, मुझे मालूम है, पानी कहां ठहरा होगा।’ दुष्यंत जी की
राजगीर-पोलिटिकल मैनेजरों के फेर में पड़े लालूजी!
पुष्यमित्र आप लालू जी की राजनीति के तौर तरीके, परिवारवाद, गुंडों को तरजीह देने की नीति और भ्रष्टाचार को सदाचार
पूर्णिया के धनखेता बन गए मक्का लैंड
पुष्यमित्र अगर आज हमारे कोसी के इलाके में दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की शूटिंग हुई होती तो शाहरुख और काजोल