मदर्स डे- महिलाओं की रचनात्मकता का उत्सव

जूली जयश्री बदलाव और वुमनिया  के संयुक्त प्रयास से गाजियाबाद के वैशाली में महिलाओं के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन

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क्या ऐसे ही खुशहाल होगा देश का अन्नदाता ?

ब्रह्मानंद ठाकुर “बाधाएं आती हैं आएं, घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं

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रंगमंच पर साकार राजकमल चौधरी की ‘मल्लाह टोली’

संगम पांडेय नीलेश दीपक की प्रस्तुति ‘मल्लाह टोली’ एक बस्ती का वृत्तचित्र है। ‘कैमरा’ यहाँ ठहर-ठहरकर कई घरों के भीतर

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