अरुण प्रकाश गोरखपुर में मासूमों की मौत पर पूरे देश में गुस्सा है और होना भी चाहिए । अब वक्त
Author: badalav
‘राष्ट्रवाद’ के सियासी छलावे में उलझता देश
ब्रह्मानंद ठाकुर आज देश में चारों तरफ राष्ट्रीयता और देशभक्ति की होड़ मची हुई है। ऐसा लगता है आजादी के
शहीद खुदीराम बोस की स्मारक की सुध कब लोगे सरकार ?
ब्रह्मानंद ठाकुर 11 अगस्त 1908 की वो तारीख जिसे देश कभी भूल नहीं पाएगा क्योंकि ये वो दिन जब एक
कर्ज़ माफ़ी के इंतज़ार में हर दिन मर रहा किसान !
आशीष सागर उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है । प्रधानमंत्री मोदी हों या फिर सीएम
कांग्रेस मुक्त भारत का थका नारा और गुजरात के सबक
राकेश कायस्थ जिस दौर में चोर को चाणक्य और तड़ीपार को तारनहार का समानार्थी मान लिया गया है। उसी दौर
डेढ़ साल बाद लौटा तो घर में पड़ा था मां का कंकाल!
नीरज बधवार मुम्बई से जुड़ी एक ख़बर पढ़ी। बाद में टीवी चैनल्स पर भी उससे जुड़ी एक-आध रिपोर्ट देखी। एक
ऐ गांव विकास चाहता है, बता तेरी जाति क्या है?
आशीष सागर दीक्षित हिंदुस्तान आजादी की 70वीं सालगिरह मनाने जा रहा है। एक बार फिर देश के मुखिया लालकिले की
ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तों
जूली जयश्री दोस्ती इस रिश्ते के मामले में मैं इतनी अमीर हूं कि समझ में नहीं आ रहा कहां से
मित्र
मित्र करता हूं मैं कई बार तुम्हारी आलोचना वह आलोचना जितनी तुम्हारी होती है उतनी ही मेरी भी ऐसा लगता
झारखंड पुलिस से सवाल- ये खुदकुशी है या हत्या?
बदलाव प्रतिनिधि मामला 3 जुलाई 2017 का है। शिव सरोज कुमार ने एक सुसाइड नोट पीएम मोदी और झारखंड के सीएम