“गजनवी, गोरी, औरंगजेब और जिन्ना के भूत जब तक जीते रहेंगे, हिन्दुओं का हृदय साफ नहीं होगा. जब तक हम
Author: badalav
इंसान का प्रकृति प्रेम और छठ पर्व की परंपरा
ब्रह्मानंद ठाकुर छठ पर्व जितना आस्था और विश्वास का पर्व है उतना है वैज्ञानिक भी । छठ का प्रकृति से
छठी मइया अईली पहुनवा हो रामा …
मां, सबसे पहले तो माफ़ी देना कि अबकी बरस मैं छठ में नहीं आ रही हूं। मैं जानती हूं इतना
दरभंगा से दिल्ली तक एक कलाकार की भागमभाग
पशुपति शर्मा आर्ट सर राजेंद्र प्रसाद गुप्ता के साथ पहली सीटिंग 4 जून 2017 को हुई थी। उसकी दो कड़ियां
पत्रकारिता को न्यूज़ चैनलों और अख़बारों में मत तलाशिए
पुष्यमित्र हिंदी पत्रकारिता में आज भी एक स्वतंत्र पत्रकार का सर्वाइवल मुश्किल है। विभिन्न अखबारों में फीचर और आलेख लिखने वाले
माटी की महक गांव खींच लाती है!
संतोष पाठक के फेसबुक वॉल से गांव का पुराना घर साल दर साल खंडहर हो रहा है। यह मेरे दादा-दादी की
पशुपालकों के पर्व सुकराती के बारे में सुना है?
ब्रह्मानंद ठाकुर अतीत सुंदर था, खुशहाल था, गौरवपूर्ण था, इसलिए वह दुहराने की चीज नहीं हो सकती लेकिन प्रेरणा तो
दिवाली में छिपी है प्रकृति से प्रेम की कला
ब्रह्मानंद ठाकुर भारतीय संस्कृति शाश्वत मूल्यों की चिरंतन जीजिविषा है। आदर्श एवं आध्मात्म की परम्परा इस देश का मूलमंत्र रहा
भ्रष्टाचार का आरोप नहीं तो मुकदमे का मकसद क्या ?
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आजतक पंचायत में अपने बेटे पर लगे आरोपो पर जो कहा उसे शब्दश : कोट
जनाब को मोहब्बत की निशानी से नफ़रत क्यों है?
अजीत अंजुम जिस ताजमहल को मोहब्बत की निशानी मानकर न जाने कितने गीत-गजल और कहानियां लिखी गई। जिसे देखने न जाने