अल्लाह के नेक बंदों ने बचा ली एक ज़िंदगी

अल्लाह के नेक बंदों ने बचा ली एक ज़िंदगी

साजिद अशरफ

फेसबुक पोस्ट, मध्यरात्रि 27 जुलाई 2017। अभी-अभी नोएडा गौतमबुद्ध चौक के पास इस शख्स का एक्सिडेंट हुआ है। हेड इंजुरी है। ये शख्स पिछले दस मिनट से तड़प रहा था। आस पास भीड़ जमा थी। कुछ वीडियो बना रहे थे। कुछ लोग मशविरा देकर अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे थे। मैं और मेरे पांच सहयोगी न्यूज़ नेशन से अपनी शिफ्ट पूरी कर घर के लिए जा रहे थे। जब हमारी नज़र सड़क पर तड़पते इस शख्स पर पड़ी तो हम सब ने तुरंत गाडी रोक कर इस शख्स की मदद का फैसला किया।

हमारी कोशिश देखकर एक दूसरे व्यक्ति ने भी अपनी गाड़ी रोक दी। क्योंकि हमारी गाड़ी मौका-ए-वारदात से 50 मीटर आगे जाकर खड़ी थी , इसलिए दूसरे शख्स की गाड़ी में लिटाकर मेरे दो सहयोगियों ने पास के धर्मशीला हॉस्पिटल पहुंचाया। पीछे से हमलोग भी हॉस्पिटल पहुंचे। हम में से ही एक ने घायल शख्स के पास मौजूद मोबाइल के लास्ट डायल नम्बर से उनके दोस्त को कॉल किया। दोस्त से नम्बर लेकर घायल शख्स के पिता को कॉल किया।

पिता दिलशाद गार्डन में रहते हैं। फोन पर पिता के पहले शब्द थे कैसा है , सीरियस तो नहीं है। फोन पर पिता को वास्तविक स्थिति बताई गयी। पिता को दिलशाद गार्डन से धर्मशीला हॉस्पिटल पहुँचने में एक घंटे का वक़्त लगेगा। डॉक्टर से मैंने घायल शख्स की हालत पूछी। डॉक्टर ने कहा अगर इसे लाने में 15 मिनट का वक़्त और लगता तो मुश्किल था। तब तक घायल शख्स के दोस्त भी आ गए। और सबने हम सबका शुक्रिया अदा किया।

यहाँ मैं कहना चाहता हूँ कि मैंने और मेरे सहयोगियों ने घायल शख्स को हॉस्पिटल इसलिए नहीं पहुंचाया कि उनके दोस्तों के मुंह से शुक्रिया सुनें। बल्कि इसलिए कि ये हम सबका फ़र्ज़ था। ताकि जब घर पहुंचें तो चैन की नींद सो सकें। उस तड़पते शख्स को छोड़कर आगे निकलने की आत्मग्लानि से बच सकें। मैं शुक्रिया अदा करता हूँ, अपने सहयोगियों और ड्राइवर का जिन्होंने मेरे एक बार कहने पर गाड़ी रोक कर मदद के लिए चल पड़े। हमें संतोष है कि हमने अपना फ़र्ज़ निभाया। ज़िन्दगी देने वाला तो अल्लाह है। आप सब भी इस शख्स की सलामती की दुआ कीजिये।


sajid ashrafसाजिद अशरफ। बिहार के खगड़िया जिले के ग्रामीण इलाकों से दिल्ली तक का सफ़र। दिल्ली के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल। न्यूज़ को अपने रिसर्च के जरिए मायनीखेज बनाने के लिए सतत प्रयासशील। इन दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सक्रिय।

One thought on “अल्लाह के नेक बंदों ने बचा ली एक ज़िंदगी

  1. Bahut hi badhiya karya kiya aap sabhi ne. Samaj mein sabhi logon ko isse seekh leni chahiye.

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