आंदोलन और विरोध प्रदर्शनों को लेकर चर्चा में रहा FTII, पुणे फिर सुर्खीयों में है । इस बार करीब 500 फीसदी फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव से सबके होश उड़ गए हैं । गरीब छात्रों की बात तो छोड़िए निम्न मध्यम वर्ग के छात्रों को भी भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान में एडमिशन लेना मुश्किल हो जाएगा। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के प्रशासन ने पाठ्यक्रमों में फीस में बढोत्तरी का प्रस्ताव किया है। सबसे ज्यादा प्रभाव एक्टिंग में दो वर्षीय डिप्लोमा कर रहे छात्रों पर पड़ेगा। दो वर्षीय पाठ्यक्रम के स्टुडेंट्स को अब 6.82 लाख रुपए तक फीस भरना होगा । प्रस्ताव के मुताबिक फिल्म निर्देशन के उपकरणों के रखरखाव, गेस्ट फैकल्टी के पारिश्रमिक के भुगतान को को देखते हुए लेखा परीक्षा पैरा और उपकरणों जैसे सभी क्षेत्रों में लागत की वृद्धि हुई है।
फिल्म सिनेमेटोग्राफी, फिल्म एडिटिंग और साउंड रिकॉर्डिंग और साउंड डिजाइन की वर्तमान फीस में भी 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। यानि वर्तमान फीस 48,315 रुपये से 64,308 रुपये तक बढ़ा दिया जाएगा । तीन वर्षीय कोर्सेज में 303 प्रतिशत फीस की बढ़ोत्तरी हुई है।
पठकथा लेखन पाठ्यक्रम में एडमिशन के लिए 48,315 रुपये के बजाय 1.65 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। ट्यूशन फीस, होस्टल का किराया, जमा और अन्य शुल्कों को भी लगभग दोगुनी करने का प्रस्ताव है। अभी तक सालभर की फीस 47,500 रुपये (जिसमें से 17,000 रुपये रिफंडेबल) है जिसको 92,565 रुपये (33,128 रुपये रिफंडेबल) सालाना करने करने का प्रस्ताव है।
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के इस प्रस्ताव से छात्र नाराज हैं । छात्रों का कहना है कि अगर ऐसा हो गया तो गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के छात्र यहां पढ़ नहीं पाएंगे । वहीं ओबीसी और दलित छात्रों ने उम्र सीमा में मिली छूट में बदलाव के प्रस्ताव से नाराज हैं । FTII के पूर्व छात्र संस्थान के इस रवैये से हैरान हैं । कई छात्रों का कहना है कि आंदोलन की वजह से प्रशासन बदला ले रहा है ।