सत्येंद्र कुमार यादव
हिंदी दिवस पर देश में हिंदी की खूब चर्चा होती है लेकिन 14 सितंबर बीतते ही सब हिन्दी को भूल जाते हैं। क्या आप जानते हैं भारत से हजारों मील दूर ऑस्ट्रेलिया में बैठा एक इंसान ऐसा है जो खुद से ज्यादा हिंदी से प्यार करता है । विदेशी होते हुए भी उसके दिल में हिंदुस्तान बसता है। हम बात कर रहे हैं ईयान बाबू की । ऑस्ट्रेलिया के ईयान बाबू (Ian Woolford) का हिंदी से प्यार जग जाहिर है । हिंदुस्तानी ना होते हुए भी विदेशों में हिंदी के लिए काम करते हैं। कई हिंदी वाले तो अंग्रेजी झाड़ते हैं लेकिन अंग्रेजी बाबू हिंदी बोलना पसंद करते हैं । इसलिए तो हिंदी दिवस के दिन ईयान बाबू की अपील है कि “हिंदी में ट्वीट करें अच्छा लगता है! आप सभी लोगों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! ” ईयान बाबू ने हिंदी दिवस की शुभकामनाओं के साथ अपनी आवाज में श्री @girindranath का एक #लप्रेक भी ट्विटर पर शेयर किया । ईयान बाबू से लप्रेक सुनिए
इसके साथ ही ईयान बाबू ने अशुद्ध हिंदी बोलने वालों पर एक व्यंग्य भी साझा किया । इस व्यंग्य को किसान और कलम के प्रेमी गिरिंद्रनाथ झा ने लिखा है- हिंदी दिवस पर वे लिखते हैं कि “खिचड़ी को चावल मिश्रित दाल लिखने की क्या जरूरत..। भाई जी, बारिश की वजह से मोबाइल का टावर गायब हो गया है क्या ? जरा देखिए तो, नेटवर्क सर्च करते हैं न तब नो सर्विस डिस्प्ले होने लगता है। “
यही नहीं रघुवीर सहाय, मुकुटधर पांडेय और महावीर प्रसाद ‘मधुप’ की रचनाओं को कोट भी किया-
पुरस्कारों के नाम हिन्दी में हैं
हथियारों के अंग्रेज़ी में
युद्ध की भाषा अंग्रेज़ी है
विजय की हिन्दी
– रघुवीर सहायहिन्दी! तेरा है बड़ा हम सबको अभिमान
बनी हुई दिन रात है, हमको तेरा ध्यान
– मुकुटधर पांडेयकबीरा, सूर, तुलसी ने जिसे हो मुग्ध अपनाया।
रहिम, रसख़ान ने जिसकी सरसता से सुयश पाया॥
-महावीर प्रसाद ‘मधुप’ (अमर हिन्दी हमारी है)छन्द हो , गीत हो,
स्वर हो, संगीत हो
जो रचूँ , जो कहूँ
हिन्दी मन का मीत हो
~ शशि पाधा (‘हिन्दी विश्वजीत हो’ से)
ईयान बाबू का ट्विटर हैंडल @iawoolford है । हिंदी के प्रति इनके प्रेम को जानना है तो उनके ट्विटर वॉल पर जाकर देख सकते हैं । ज्यादातर हिंदी में ही ट्वीट करते हैं। हिंदी लेखकों, साहित्यकारों और उपन्यासकारों के कोटेशन को ट्वीट करते हैं । यही नहीं बिहार, पूर्वांचल में शादी-विवाह के मौके पर महिलाओं के गीत को भी रिकॉर्ड कर साझा करते हैं । सिर्फ हिंदी नहीं, भोजपुरी, मिथिला और अन्य भाषाओं के शब्दों को भी अपने लेखनी में इस्तेमाल करते हैं।
17 सितंबर यानि शनिवार को ऑस्ट्रेलिया में हिंदी कॉन्फ़्रेंस है । ये कॉन्फ्रेंस सेंटर ऑफ कॉन्टिन्यूईंग एजुकेशन, यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी, लेक्चर थियेटर 104, लेवल-1 में आयोजित होगी । जिसमें हिंदी एजुकेशन इन ऑस्ट्रेलिया, मीडिया और कम्यूनिटी, हिंदी साहित्य, हिंदी अनुवाद और इंटरप्रटेशन पर चर्चा की जाएगी।
सत्येंद्र कुमार यादव, एक दशक से पत्रकारिता में सक्रिय । माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र । सोशल मीडिया पर सक्रिय । मोबाइल नंबर- 9560206805 पर संपर्क किया जा सकता है।