पुष्यमित्र
जैसे ही हमने तसवीर ली विनोद कुमार दौड़े-दौड़े आये। उनकी सहज जिज्ञासा थी कि उनके दुकान की तस्वीर क्यों ली जा रही है। जब उन्हें बताया गया कि उनके दुकान की तस्वीर नहीं बल्कि दुकान के पीछे लगे बीएसएनएल के टावर की तस्वीर ली गयी है, जिसमें वाई-फाई वाली मशीन लगी है। यह सुनकर विनोद का अगला सवाल था, ये वाई-फाई क्या होता है? बिहार के पहले वाई-फाई गांव में किसी युवा से इस तरह के सवाल की उम्मीद मैं नहीं कर रहा था। मैं इस ख्याल से वहां गया था कि एक पखवाड़े पहले घोषित इस वाई-फाई ग्राम में उत्सवी माहौल होगा, लोग बड़ी उत्सुकता से केंद्र सरकार की इस सेवा का उपयोग करना सीख रहे होंगे। मगर दुर्भाग्यवश इस गांव की यात्रा के दौरान बमुश्किल चंद कॉलेज जाने वाले लड़के ही ऐसे मिले जिन्हें पता था कि 23 जून 2016 को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बेलदारीचक को बिहार का पहला वाई-फाई गांव घोषित किया है।
लखना पूर्वी पंचायत के नवनिर्वाचित मुखिया द्वारिका पासवान इसी गांव में रहते हैं। वे वाई-फाई का जिक्र सुनते ही भड़क उठते हैं। कहते हैं, बच्चा पढ़ेगा तब न बड़ा होके हाई-फाई (वाई-फाई) करेगा। जाके स्कूल देखिये। अपर मिडिल स्कूल है, लेकिन क्लास रूम एक्के ठो है। बताइये एक कमरा में कहीं एक से आठ क्लास का बच्चा एक साथ पढ़ सकता है? उसका कोई इंतजाम नहीं किये, लेकिन क्या मन हुआ कि हाई-फाई कर दिये। वे मुझे गांव के उस एकमात्र असहाय उत्क्रमित मध्य विद्यालय का दर्शन कराते हैं, जहां बारिश के दिनों में पहुंचना भी मुश्किल है। स्कूल के आगे पानी जमा रहता है और बच्चे पगडंडी पर चलते हुए स्कूल पहुंचते हैं। महज एक कमरे वाले इस स्कूल में एक कक्षा कमरे में तो दूसरी बरामदे पर लगती है। और जब स्कूल नहीं चल रहा होता है तो यह सामुदायिक भवन जैसा हो जाता है। कोई यहां बैठकर जाल बुनता है तो कोई ताश खेलता है।
वैसे बेलदारीचक बहुत बड़ा गांव नहीं है। तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में मुख्यतः दलित और अतिपिछड़ी जाति के लोग रहते हैं। ज्यादातर लोग खेती और मजदूरी के काम से जुड़े हैं। पटना-गया हाईवे के किनारे स्थित होने के कारण एक छोटा सा बाजार भी विकसित हो गया है, जहां कई तरह की दुकान खुल गई है। मगर राजधानी से करीब और हाईवे पर होने का बहुत अधिक लाभ इस गांव को नहीं मिला। लोग बताते हैं कि यहां पानी की किल्लत रहती है। पढ़ाई-लिखाई और स्वास्थ्य सेवा का घोर अभाव है। अच्छी सड़कें नहीं हैं।
वहां से लौट कर जब बेलदारीचक में फ्री वाई-फाई की स्थिति पर बीएसएनएल के पटना स्थित अधिकारियों से जानकारी मांगी, तो अधिकारी अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। बीएसएनएल के जीएम ऑपरेशन सत्यानंद राजहंस कहते हैं, उनकी जानकारी में सिर्फ हाईकोर्ट परिसर को ही वाई-फाई किया गया है। बेलदारीचक में ट्रायल चल रहा होगा। मगर जब उन्हें केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के ट्वीट के बारे में बताया जाता है, तो वे कहते हैं उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।
(साभार-प्रभात खबर)
पुष्यमित्र। पिछले डेढ़ दशक से पत्रकारिता में सक्रिय। गांवों में बदलाव और उनसे जुड़े मुद्दों पर आपकी पैनी नज़र रहती है। जवाहर नवोदय विद्यालय से स्कूली शिक्षा। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता का अध्ययन। व्यावहारिक अनुभव कई पत्र-पत्रिकाओं के साथ जुड़ कर बटोरा। संप्रति- प्रभात खबर में वरिष्ठ संपादकीय सहयोगी। आप इनसे 09771927097 पर संपर्क कर सकते हैं।
गांधी के ग्राम स्वराज को साकार करता एक गांव