मुजफ्फरपुर/बदलाव
मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड स्थित हरपुर बखरी गांव में 4 मीट्रिक टन प्रति घंटा उत्पादन क्षमता के एक बीज प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न हुआ।इस इकाई को बसोका(BSSOCA ) द्वारा सर्टिफिक निबंधन सर्टिफिकेट प्राप्त हो चूका है . इस इकाई को बनाने में लगभग एक वर्ष लगा है. लगभग 80 लाख की लागत से स्थापित इस इकाई से बिहार के किसानों के लिए एक नया अध्याय शुरू हो रहा है जिससे जीविका दीदियांअब किसानोंको बीज भी उपलब्ध करायेंगी एवं गाँव में रोजगार सृजन भी हो पायेगा ।संयंत्र से निर्मित बीज उच्च गुणवत्ता वाले और निर्धारित सभी आवश्यक मानकों के शत प्रतिशत अनुरूप होंगे। साथ ही कंपनी ने बीज डिस्ट्रीब्यूटर बनाने के लिएएक नीति भी बना ली है जिसके लिए सभी योग्य अप्लाई कर सकते हैं हालाँकि वरीयताजीविका से जुडी परिवारोंको ही दी जाएगी.
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ एन सरवन कुमार ने इसइकाई का उद्घाटनमशीन शुरुकरके किया . कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉक्टर एन सरवन कुमार ने कहा कि बिहार में कृषि क्षेत्र में अगर चुनौतियां हैं तो संभावनाएं भी हैं। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता बिहार की कृषि के परिप्रेक्ष्य में उत्पादकता में मील का पत्थर साबित होगी। किसान उत्पादक कंपनियां छोटे और सीमांत किसानों के लिए कृषि विपणन को बदलने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती हैं। जीविका छोटे किसानों के जीवन पर किसान उत्पादक कंपनी के परिवर्तनकारी प्रभाव को पहचानते हुए पूरे बिहार में एफपीसी के विकास को एक सार्थक दिशा दे रही है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल मुजफ्फरपुर के जिला विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि विकास और चुनौतियां समांतर चलती रहती हैं। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि आमतौर पर किसान खेती तो करते हैं पर खेती को पढ़ते नहीं हैं। जीविका अपने नवाचारों से एफपीसी की विकास यात्रा में इस मिथक को तोड़ते हुए किसानों के नए प्रतिमान करने में काफी हद तक सफल रही है । यात्रा अभी जारी है और रुकनी भी नहीं चाहिए ।
दरअसल,जीविका द्वारा समर्थित एफपीसी द्वारा कई व्यावसायिक क्षेत्रों में परिवर्तन सफल साबित हुआ है। इसकी एक चमकदार बानगी समर्पण जीविका महिला किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड है जो तीन अलग-अलग व्यावसायिक क्षेत्रों में काम करती है- बीज उत्पादन ,इनपुट की व्यवस्था और विपणन ।
बीज उत्पादन के लिए कंपनी, कृषि विश्वविद्यालयों, आईसीएआर सहित अन्य विश्वसनीय एवं प्रतिष्ठित संस्थानों से आधार बीज प्राप्त करेगा। एफसी द्वारा प्रसंस्कृत बीजों का प्रमाणीकरण बसोका द्वारा किया जाएगा। यह प्रमाणीकरण बीजों की अखंडता को बनाए रखने और किसानों में विश्वास पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी फसलों के लिए उन पर भरोसा करते हैं। बीज प्रसंस्करण संयंत्र सदस्य किसानों के सहयोग से क्लस्टर विकास दृष्टिकोण अपनाएगा। इन किसानों को बसोका के साथ पंजीकृत किया जाएगा और बीज उत्पादन भी बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड के चिन्हित बीज गांवों के माध्यम से किया जाएगा। इस रणनीति का उद्देश्य बीज उत्पादन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना और बिहार में प्रमाणित बीजों की उपलब्धता में सुधार करना है।
बीज प्रसंस्करण संयंत्र इन उच्च गुणवत्ता वाले बीजों को किसानों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न विपणन चैनलों का उपयोग करेगा जिसमें प्रत्यक्ष खुदरा बिक्री, कृषि उद्यमियों और कैप्टिव बाजार में अन्य जीविका-पोषित किसान उत्पादक कंपनियों के माध्यम से थोक वितरण शामिल हैं।
कार्यक्रम का संचालन किसान उत्पादक संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राजकुमार और संस्था की अध्यक्ष श्रीमती चंदा देवी ने संयुक्त रूप से किया। इकाई के उद्घाटन अवसर पर जीविका के राज्य कार्यालय से राज्य परियोजना प्रबंधक – फार्म श्री जितेंद्र कुमार, परियोजना प्रबंधक – मार्केटिंग एंड इनोवेशन डॉ देवेश कुमार एवं यंग प्रोफेशनल प्रदीप भी विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। जीविका जिला परियोजना इकाई से अनिषा गांगुली, कुनाल कुमार समेत कई कर्मी शामिल हुए. एमएससी टीम से प्रदीप मिश्रा,राजीव रंजन,शोभा साह, सिद्धार्थ कुमार,राज कुमार, कुणाल किशोर,प्रत्युष गौरव तथा मनीष भी शामिल रहे।