कुंदन कुमार के फेसबुक वॉल से साभार
बीते दिनों मुजफ्फरपुर में लगातार हो रहे हत्या,लूट-डकैती,बालिका गृह कांड आदि जघन्य घटनाओं से सांस्कृतिक राजधानी की पहचान धूमिल होती जा रही थी, लिहाजा शहर के मानवतावादी साथियों ने एकजुट हो शहर की गरिमा को वापस बहाल करने हेतु ‘हिन्द सेना’ के बैनर तले शहीदे आजम भगत सिंह की जयंती 27 सितंबर 2018 से मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन परिसर में आये सभी भूखों को मुफ्त भरपेट ताजा भोजन कराने की शुरुआत की।जिसमें रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों,रेल थाना,कुली,स्वीपर,टैक्सी ड्राइवरों ने भी इस पहल को सहयोग देना शुरू किया।हर शनिवार को होनेवाले इस मानवीय पहल को शहर के आम नागरिकों का भी समर्थन मिलना शुरु हुआ। लोग भोजन स्थल पर आकर भोजन सामग्री, वस्त्र, मिठाइयां-पकवान आदि पहुंचाने लगे। इस पहल से प्रेरित होकर रेल एसपी एवं थाना प्रभारी के साथ सभी रेलवे पुलिस ने भी आपसी सहयोग से स्टेशन प्लेटफार्म, फुटपाथ पर गुजर कर रहे, कूड़ा बिछने वाले बच्चों को ‘प्रयास पाठशाला’ की शुरुआत कर पढ़ाने लगे। सब कुछ अच्छा चल रहा था, आगे इन लावारिशों को मुख्य धारा में लाने की कई योजनाओं पर मुजफ्फरपुर के नागरिक समाज काम कर रहे थे। स्टैंड का ठेकेदार बार बार हमारे अभियान के साथियों को धमकी देने लगा। उसने इस अभियान को बंद कराने को क्या हथकण्डे नहीं अपनाएं, फिर भी हमलोग आग्रह विनती कर भूखों को भोजन कराते रहे,लेकिन उस पाशविक इन्सान ने आज हद की सारी सीमाएं लांघ दी उसने धमकी देते हुए कहा है कि अगर अगले शनिवार से यह कार्यक्रम बंद न हुआ तो परिणाम वीभत्स होगा।
#हम इस समस्या को शहर के आम नागरिकों को समर्पित करते हैं!