पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभार/यह दरभंगा के एक ऐतिहासिक तालाब का चित्र है। सम्भवतः हराही का। वहां सौंदर्यीकरण हो रहा है। अब यह सौंदर्यीकरण है या अतिक्रमण यह फोटो में साफ दिख रहा है। नारायणजी चौधरी जी ने बहुत विह्वल होकर यह चित्र और सूचनाएं भेजी हैं। वे पिछले कुछ दिन से परेशान हैं। डीएम से लेकर सीएम तक को पत्र लिख चुके हैं, सौंदर्यीकरण के नाम पर अतिक्रमण के खेल को बंद करें। अगर सौंदर्यीकरण करना है तो पर्यावरण के मानकों का ख्याल रखें।
मगर उनकी सुनता कौन है। दरभंगा के तीन बड़े और ऐतिहासिक तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिये 140 करोड़ का प्रोजेक्ट है। यह धन पर्व है, नारायणजी जैसे लोग इस धन पर्व में बाधक हैं। किंतु परंतु करते हैं। हालांकि मुझे तो लगता है, जिन शहरों में नारायणजी जैसे लोग नहीं हैं, उन शहरों का नुकसान होता है। पटना में ऐसे कई बड़े और पुराने तालाब कब्जा लिए गए। सरकार ने ही इन्हें डाइग्नोस्टिक सेंटर और ब्लॉक आफिस तक बनवा रही है, कोई रोकने टोकने वाला नहीं। यह दरभंगा शहर का सौभाग्य है कि उसके पास नारायणजी जैसे लोग हैं।
पुष्यमित्र। पिछले डेढ़ दशक से पत्रकारिता में सक्रिय। गांवों में बदलाव और उनसे जुड़े मुद्दों पर आपकी पैनी नज़र रहती है। जवाहर नवोदय विद्यालय से स्कूली शिक्षा। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता का अध्ययन। व्यावहारिक अनुभव कई पत्र-पत्रिकाओं के साथ जुड़ कर बटोरा। संप्रति- प्रभात खबर में वरिष्ठ संपादकीय सहयोगी। आप इनसे 09771927097 पर संपर्क कर सकते हैं