आज गांधी जयंती है, पूरा देश स्वच्छता अभियान में जुटा है, क्योंकि स्वच्छता गांधीजी की प्राथमिकताओं में काफी ऊपर रहा । हालांकि गांधीजी को जो सबसे ज्यादा पसंद था वो थी सादगी यानी कोई भी काम करना होगा सादगी से होनी चाहिए । खासकर गांव और निचले तबके का विकास बापू की प्राथमिकता में सबसे ऊपर रहा । टीम बदलाव गांधी के उन्हीं आदर्शों को जीवन में उतराने की हर मुमकिन कोशिश में जुटी है । पिछले साल गांधी जयंती पर टीम बदलाव ने #मेरागांवमेरीजान नाम से मुहिम चलाई जो सालभर बाद अब एक कदम और आगे बढ़ चुकी है । आज गांधी जयंती के मौके पर टीम बदलाव एक नया मिशन ‘बदलाव पाठशाला’ का आगाज होने जा रहा है। बिहार के मुजफ्फरपुर में शुरू होने वाली ”बदलाव पाठशाला” का मसकद समाज के ” उपेक्षित लेकिन अपेक्षित ” वर्ग के बच्चों तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाना है ।
प्रथम पाठशाला मुज़फ्फ़रपुर के बंदरा प्रखंड में पड़ने वाले पीयर गांव में वरिष्ठ शिक्षाधर्मी ब्रह्मानंद ठाकुर के दिशा निर्देश में शुरू हो रही है । ब्रह्मानंद ठाकुर के सेवा भाव से आप सब पहले से ही परिचित होंगे। उन्होंने इस नि:शुल्क विद्यालय को संचालित करने का संकल्प लिया है। संसाधनगत साधनों को ध्यान में रखते हुए आरंभ में अधिकतम 10 बच्चों को बदलाव पाठशाला के इस कार्यक्रम में शरीक किया जा रहा है। जिसमें 6 से 13 आयुवर्ग के वैसे बच्चे शामिल किए जा रहे हैं जो स्कूल में नामांकित तो हैं लेकिन उनको उम्र के सापेक्ष दक्षता प्राप्त नहीं है। जैसे 5वीं और छठी कक्षा के बच्चे शब्द और वाक्य नहीं लिख-पढ़ सकते। तीसरी, चौथी के बच्चों को अंक और अक्षर की पहचान नहीं है। 5वीं, छठीं के बच्चे दो अंको का जोड़-घटाव भी नहीं जानते। फिलहाल 9 बच्चों से पाठशाला की शुरूआत की जा रही है।बच्चों का प्रोफाइल बनाया गया है जिसमें उनकी दक्षता का उल्लेख कर दिया गया है। बीच-बीच में उनकी उपलब्धि का आकलन भी होता रहेगा।। पाठशाला में बच्चों को पढ़ाने का समय प्रतिदिन शाम 4 बजे से 6 बजे होगा।
स्वयंसेवक के रूप में एक युवक विन्देश्वर जी जो स्नातकोत्तर योग्यताधारी हैं और बच्चों को पढाने का अनुभव भी है, ने अपना समय पाठशाला के बच्चों को देने की सहमति दी है। मुजफ्फरपुर शहर के निवासी और कुढनी प्रखंड के एक स्कूल में कार्यरत 99 बैच के शिक्षक सह संरचना आर्ट के सचिव सुधीर कुमार सिंह की ओर से प्रस्ताव मिला है कि वे समय-समय पर बच्चों को बालोपयोगी आर्ट एन्ड क्राफ्ट का प्रशिक्षण देंगे। टीम बदलाव का बिहार के मुजफ्फरपुर में यह प्रथम प्रयोग इस मायने में भी खास है कि चंपारण आंदोलन की शुरुआत मुजफ्फरपुर के रास्ते ही हुई थी साथ ही बिहार ही वह धरती है जहां बापू और बा ने 1917 में एक विद्यालय की स्थापना की थी । बेतिया जिले के नरकटियागंज से 12 किमी दूर भितिहरवा गांव में वो स्कूल आज भी मौजूद है ।
टीम बदलाव की इस मुहिम का आप सब भी हिस्सा बन सकते हैं । आप [email protected] पर अपने सुझाव भेजें। अगर बातचीत करनी हो तो आप ईमेल पर ही अपना फोन नंबर शेयर करें, बदलाव के साथी आपसे संपर्क करेंगे। इसके अलावा अगर आप भी अपने गांव में बदलाव पाठशाल की शुरुआत करना चाहते हैं तो इस बारे में जरूर लिखे । बदलाव पाठशाला के समन्वयक शंभु झा जी आपको इसके बारे में पूरी जानकारी और सहयोग देंगे ।
अरुण यादव। उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले के निवासी। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र। इन दिनों दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सक्रिय।