समीर आत्मज मिश्रा के फेसबुक वॉल से
अगले कुछ दिनों तक बुंदेलखंड में रहूंगा। इस इलाके में प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खूबसूरती भी भरपूर मात्रा में है। बावजूद इसके यहां से सिर्फ सूखा, भुखमरी, आत्महत्या जैसी नकारात्मक ख़बरें ही सुनने में आती हैं।
क्या है इसकी वजह और क्यों ऐसा हो रहा है, यही जानने की कोशिश यहां करूंगा। यहां से जुड़ी विभिन्न रिपोर्ट्स और अपडेट्स आपको सबुक इत्यादि पर मिलती रहेंगी।
कुंए और तालाब सूख चुके हैं। नई बोरिंग सफल नहीं हो रही है क्योंकि जलस्तर काफी नीचे चला गया है। ऐसे में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
झांसी ज़िले के बोड़ा गांव का ये तालाब पहले से ही सूखा है। पता चला कि मनरेगा के तहत इसमें और गड्ढे कराए गए हैं ताकि बरसात का पानी ज़्यादा से ज़्यादा इकट्ठा हो सके। लेकिन इंतज़ार पानी बरसने का है, फ़िलहाल तो पेयजल संकट अपने चरम पर है।
समीर आत्मज मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार, लंबे वक्त से बीबीसी से जुड़े हुए हैं। इनकी रिपोर्ट्स बीबीसी, बीबीसी रेडियो पर सुन सकते हैं।